किशोर सिंह /अजमेर – श्रीनगर कस्बे की घनघोर घाटी में बुधवार रात 11 बजे एक पेंथर नजर आया। जानकारी के अनुसार श्रीनगर थानाप्रभारी हरीश चौधरी अजमेर से श्रीनगर की ओर आ रहे थे इस दौरान थाना प्रभारी चौधरी ने घाटी के नीचे मोड़ पर एक पेंथर जंगल की और जाते हुए नजर आया। इस दौरान थानाप्रभारी ने अपने वाहन को रोकते हुए पेंथर के इस नजारे को आँखों से देखकर अपने मोबाइल में पेंथर की फोटो कैद की। पेंथर श्रीनगर की घनघोर जंगल में आराम से बैठा हुआ था। ऐसे में श्रीनगर की घनघोर घाटी के जंगलो में पेंथर के फिर से आने के कारण ग्रामीणों में भयंकर भय व्याप्त हो गया। पहले भी दो महीने पूर्व श्रीनगर घाटी के जंगलो और पंखे वाले कुए के पास पेंथर को ग्रामीणों ने देखा था जिसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियो को दी गयी लेकिन इस और कोई ध्यान नही दिया गया। श्रीनगर घाटी में कुछ महीनो पूर्व जब पेंथर आया था तो वन विभाग के कार्मिको और थानाप्रभारी चौधरी ने स्वयं जाकर पेंथर के पदचिन्ह और खुर उठाये थे। वन विभाग के अधिकारी विजय कुमार टेलर से इस सन्दर्भ में पहले बात की गयी तो उन्होंने जंगल में पेंथर नही होकर लकड़बघा होने का कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। विभाग के कार्मिको ने तो कई दिनों तक जंगल में पेंथर की तलाश भी की थी लेकिन कोई सफलता नही मिल पायी। पेंथर ने उन दिनों लीरी का बाडिया ग्राम में भी रात्रि के समय एक बाडे में घुसकर जानवरो को अपना शिकार बनाया था लेकिन यहां भी रात्रि में विभाग के कार्मिको और ग्रामीणों ने पहरा दिया लेकिन पेंथर पकड़ में नही आया। ऐसे में विभाग के अधिकारी और कार्मिको को पता होने के बाद भी कोई कार्यवाही नही करकर आँखे मूंदे बैठे नजर आ रहे है। विभाग के अधिकारी तो बस कार्मिको को भेजकर खानापूर्ति जैसा कार्य कर रहे है। ऐसे में अब रात्रि के समय अजमेर से श्रीनगर आने वाले ग्रामीणों को पेंथर का भय और ज्यादा बैठ गया है। श्रीनगर से अजमेर हर रोज सेकड़ो ग्रामीण काम और मजदूरी के सिलसिले में अजमेर जाते है। रात्रि में आने वाले दुपहिया वाहन चालको में पेंथर का भय दिखाई दे रहा है। आखिर कब श्रीनगर घाटी के जंगलो से विभाग के अधिकारी और कार्मिक पेंथर को पकड़ पाते है। श्रीनगर कस्बे में करीब सात वर्षो पूर्व भी एक पेंथर बालदकादडा में दर्रा के पास एक गुफा में छिपकर बैठ गया था उस समय भी पेंथर ग्रामीणों और कार्मिको के सामने से तेज दहाड़ मारता हुआ जंगलो की और भाग गया था।