कान्तापाल/ नैनीताल – नैनीताल के भीमताल में सूपा एग्रीकल्चर रिसर्च ग्रुप द्वारा आयोजित वर्कशॉप में दुनियाभर के 50 कृषकों को विश्व के बड़े कृषि वैज्ञानिकों से कम लागत में शुद्ध और ज्यादा लाभदायक खेती के गुर सीखने को मिले । इस वर्कशॉप का मकसद था कि कीटनाशक मुक्त ऑर्गेनिक और बायो डायनामिक खेती को बढ़ावा दिया जाए । एक निजी रिसोर्ट में आयोजित इस एक दिवसीय कार्यक्रम में किसान, विशेषज्ञ और वैज्ञानिक शामिल हुए।वर्कशॉप मे वक्ताओं ने कहा की भारत की ऑर्गेनिक खेती का 10 से 15 परसेंट निर्यात यूरोप और अमेरिका में किया जाता है ।विनीता साह, आयोजक ने बताया कि आर्गेनिक खेती के जरिए प्रकृति से जुड़ी हुई चीजों को बोने में मदद मिलती है । मौसम का लगातार बदलना खेती को प्रभावित कर रहा है, इस कारण ऑर्गेनिक खेती के जरिए पानी की कम आवश्यकता पड़ती है और फसल भी अच्छी होती है । जैविक खेती न्यूनतम लागत में की जा सकती है इससे कास्तकारों को अधिक फायदा होता है क्योंकि यह भारत के पारंपरिक खेती से जुड़ी हुई है । महाराष्ट्र से आए किसान राहुल ने बताया कि इस जैविक खेती के कारण आज वो आत्म निर्भर हैं क्योंकि इससे पहले उनके पिता जी ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया था हालांकि इस खेती को सीखकर उन्होंने अपने सभी ऋण उतार दिए हैं ।