करनाल – नगर निगम चुनाव की प्रक्रिया के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने शुक्रवार को डी.ए.वी. वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के परिसर में उपस्थित बूथ लेवल अधिकारियों की ड्यूटी को सबसे अहम बताकर उनमें ऊर्जा भरी और कहा कि कोई भी चुनाव हो, यदि बी.एल.ओ. अपनी ड्यूटी के प्रति सजग और निष्ठावान रहे, तो चुनाव सफलतापूर्वक सम्पन्न होता है। इस अवसर पर नगर निगम चुनाव के जनरल पर्यवेक्षक (सिंचाई विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव) अनुराग रस्तोगी, पुलिस पर्यवेक्षक एवं करनाल रेंज के आई.जी. नवदीप विर्क, पुलिस अधीक्षक एस.एस. भौरिया के अतिरिक्त, ए.सी.यू.टी. साहिल गुप्ता, ए.आर.ओ. एवं एस.डी.एम. करनाल नरेन्द्र पाल मलिक, चुनाव सामग्री के ए.आर.ओ. एवं एम.डी. शुगरमिल निर्मल नागर तथा उपनिगम आयुक्त धीरज कुमार भी उपस्थित थे।
बूथ लेवल अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि नगर निगम के चुनाव में उन्हें अति महत्वपूर्ण ड्यूटी दी गई है, जिसमें सभी बी.एल.ओ. अपने-अपने बूथों से जुड़े मतदाताओं को उनके घर-घर जाकर वोटर स्लिप बांटेगे और यह कार्य 11 दिसंबर तक पूरा करना है। इसके बाद किए गए कार्य का प्रमाण पत्र वरिष्ठ ए.आर.ओ. एवं घरौंडा के उपमण्डलाधीश मोहम्मद ईमरान रजा को देंगे। बता दें कि इस कार्य के लिए कार्यक्रम स्थल पर ही सभी बी.एल.ओ. को उनके बूथ अनुसार मतदाताओं की सूची और ब्लैंक स्लिप दी गई, जिन्हे बी.एल.ओ. भरकर वोटरों को बांटेगे।
उन्होंने बताया कि गत नगर निगम चुनाव और इस चुनाव में कुछ चीजें नही हैं, जो बी.एल.ओ. को ध्यान में रखनी होगी। इस बारे उन्होंने बताया कि इस बार मेयर का चुनाव डायरेक्ट हो रहा है अर्थात मतदाता मेयर और पार्षद दोनों के लिए मतदान करेंगे। मेयर पद के व पार्षदों के अलग-अलग चुनाव चिन्ह व नाम हिन्दी व अंग्रेजी में लिखे होंगे। कोई भी मतदाता आसानी से अपने पसंद के उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिन्ह देखकर उसे वोट डाल सकता है। उन्होंने बताया कि यदि कोई भी मतदाता केवल मेयर को वोट करना चाहे और पार्षद को ना करना चाहे, तो वह ऐसा कर सकता है।
चुनाव के आरओ कैप्टन शक्ति सिंह ने बताया कि इस चुनाव में दो बैलेट यूनिट व एक कंट्रोल यूनिट का प्रयोग किया जाएगा। एक बैलेट यूनिट से मेयर पद के उम्मीदवार को वोट डाला जा सकेगा और दूसरी बैलेट यूनिट से संबंधित वार्ड के पार्षद को वोट डालने की प्रक्रिया की जाएगी।
उन्होंने बताया कि यदि किसी मतदाता को घर पर मौजूद ना होने के कारण वोटर स्लिप नहीं मिलती, तो बी.एल.ओ. मतदान के दिन बूथ पर उसका नाम मतदाता सूची में देखकर उसे वोटर संख्या बता सकते हैं, मतदाता उसी नम्बर को पोलिंग अधिकारी को बताकर अपना वोट डाल सकते हैं। उन्होंने बताया कि यदि किसी मतदाता के पास वोटर स्लिप नहीं है ओर वह मतदान केन्द्र पर जाकर अपना वोट डालने के लिए कहे और उसका नाम मतदाता सूची में नही हो, तो उसे समझाना है कि बेशक उसने नवंबर माह में अपना वोट बनवाने के लिए फार्म भरा है, लेकिन उसका नाम चुनाव आयोग की ओर से 30 सितम्बर 2018 तक के मतदाताओं की सूची में होना जरूरी है। यदि इस अवधि तक की सूची में नहीं होगा, तो वह आगामी लोकसभा व विधानसभा में अपना वोट डाल सकता है।