करनाल – सामुदायिक पुलिसिंग का सार्थक मंच है सडक़ सुरक्षा संगठन: डा० राजश्री सिंह

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करनाल – हरियाणा के यातायात पुलिस द्वारा 27 अक्तूबर 2009 को पुलिस और जनता की साझेदारी के मंच के रूप में सामुदायिक पुलिसिंग की अवधारणा को साकार करते हुए सडक़ सुरक्षा संगठन का गठन किया गया है। अपनी स्थापना के दिन से ही यह संस्था पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में निरंतर जन सहयोग से सामाजिक सुरक्षा के विभिन्न अभियानों को संयोजित कर रहा है। संगठन की अध्यक्ष डा० राजश्री सिंह संस्थापक अध्यक्ष है , कुछ वर्षों के अंतराल के बाद एक बार पुन: पुलिस महानिरीक्षक यातायात के पद पर नियुक्त होने के बाद हरियाणा के प्रत्येक जिले में इकाईयों को सक्रियता के लिए प्रेरित कर रही है।
उन्होंने विभागीय सहक्रमियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक जिले में यातायात पुलिस सडक़ सुरक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं को चालानिंग के समय सडक़ सुरक्षा शिविर के आयोजन में एवं यातायात प्रबंधन में सक्रिय सहयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ट्रेफिक पार्कांे में ड्राइविंग लाइसेंस के प्रशिक्षुओं को भी सडक़ सुरक्षा कार्यकर्ता प्रशिक्षित कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारी पुलिस और जनता के बीच परस्पर सौहार्द का वातावरण निर्मित करते हुए साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा के अभियानों को संयोजित करें।
पुलिस महानिरीक्षक यातायात ने बताया यातायात कार्यालय के अधिकारी शीघ्र ही प्रत्येक जिले में सभी शिक्षण संस्थाओं में विशेष अभियान चलाएगें। जिसमें हरियाणा के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों में पुलिस कै डेट कोर की स्थापना के लिए प्रेरित करें। अभियान के दौरान हर विद्यालय को यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अपनी दिवारों पर सडक़ सुरक्षा के केन्द्रित वाल पेन्टिंग का निर्माण करें और आस-पास के चौराहों पर यातायात प्रबंधन में पुलिस कैडेट कोर के विद्यार्थियों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करें। पुलिस महानिरीक्षक डा० राजश्री सिंह ने बताया कि दिसम्बर जनवरी और फरवरी माह में दुर्गा शक्ति ऐप पर शिकायत के लिए महिलाओं को प्रेरित किया जाएगा। स्त्री हिंसा के लिए किसी भी तरह के अपराध व अपराधी पर नजर रखने के लिए छात्राओं को इस माध्यम के इस्तेमाल के लिए विशेष तौर से प्रेरित व प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने बताया दिल्ली मथुरा हाईवे, दिल्ली जयपूर हाईवे, दिल्ली चंडीगढ हाईवे पर पुलिस सहायता बुथों की स्थापना की गई है, जिसका उद्देश्य दुर्घटना के तुरंत बाद पुलिस सहायता उपलब्ध करवाना है,इसके लिए सभी सार्वजनिक संस्थाओं व व्यावसायिक स्थलों एवं शैक्षणिक संस्थाओं को निर्देशित किया गया है कि अपने मुख्यद्वार एवं वहानों पर दुर्घटना सहायता केन्द्र के टोल फ्री दुरभाष संख्या १०७३ को प्रचारित-प्रसारित करें। जिससे दुर्घटना के तुरंत बाद इस नम्बर पर सुचित कर पीडि़त को यथाशीघ्र चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षिण संस्थाओं के प्रबंधकों व प्राचार्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके परिसर में बिना लाइसेंस व बिना हेलमैंट के कोई भी छात्र दुपहिया वाहन न चलाएं।