किशोर सिंह / अजमेर – शहर में हेलमेट की अनिवार्यता को लेकर कई बार प्रयास हुए, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से यह मंशा फलीभूत नहीं हो सकी। कुछ समय के प्रयास के बाद जैसे ही ढील दी जाती, स्थिति जस की तस हो जाती। इसको देखते हुए इस बार शुरुआत राजकीय कर्मचारियों के जरिए की जा रही है। उपखंड अधिकारी ने सभी विभागों के कार्यालयाध्यक्षों को पत्र लिखा है। इसमें यातायात नियमों का पालन करने एवं वाहन चलाते समय हेलमेट आवश्यक रूप से पहनने के लिए प्रेरित करने के निर्देश जारी किए हैं। पूर्व में किए गए प्रयोग असफल रहने के बाद अब हेलमेट की अनिवार्यता को लेकर उपखंड प्रशासन ने नया तरीका निकाला है। इस बार उपखंड प्रशासन ने सभी विभागों के कार्यालयाध्यक्षों को पत्र लिखा है। इसमें यातायात के नियमों का पालन करने एवं हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं।
सड़क हादसों मे मरने वालों में सिर की चोट से मरने वालों का आंकड़ा सबसे अधिक रहता है। यही कारण है कि अगर हेलमेट पहनकर वाहन चलाएं तो सड़क हादसों में मरने वालों का आंकड़ा कम हो सकता है। यही कारण है कि प्रशासन ने अब इसकी शुरुआत राजकीय कर्मचारियों से करने की पहल की है, ताकि लोग हेलमेट लगाने के प्रति स्वत: ही प्रेरित हो सकें। सड़क हादसों को देखते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग ने दुर्घटना जोन चिह्नित किया है। इन दुर्घटना जोन पर दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आए। इसके लिए इनका विस्तार किया जाएगा। इसके लिए सेंदड़ा रोड सहित अन्य स्थान पर आठ स्थान चिह्नित किए गए हैं। इनके विस्तार के लिए 16 करोड़ की मंजूरी भी मिली है। मानसून की विदाई के बाद इन पर भी काम शुरु हो जाएगा।
उपखंड कार्यालय से ब्लॉक प्रारम्भिक अधिकारी को बालवाहिनी के लिए निर्धारित निर्देशों की पालना कराने के निर्देश दिए हैं। इसमें सभी स्कूलों में बच्चों को लाने वाली बाल वाहिनी (स्कूल बसें, वैन, ऑटो रिक्शा) के नियमों की पालना कराना सुनिश्चित करावें। बिना लाइसेंस के वाहन लेकर आने वाले बच्चों को भी प्रार्थना सभा के माध्यम से बिना लाइसेंस वाहन नहीं चलाने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए गए हैं।