कान्तापाल/ नैनीताल – उत्तराखण्ड के नैनीताल में आज जहां राष्ट्र की आजादी की 71वीं वर्षगांठ मनाई जा रही थी वहीं अन्याय की एक पीड़िता ने आत्महत्या के प्रयास जैसे गंभीर कदम को उठाने के लिए कमिश्नरी के प्रांगण को चुन लिया । अपने बच्चों को साथ लेकर आई इस विधवा महिला ने बताया कि अब उसे घर से बेदखल करने के प्रयास के बाद आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं बचता है । भवाली की रहने वाली इस महिला के आत्मदाह के ऐलान के बाद महिला और उसके बच्चे पुलिस और गोपनीय विभाग की हिरासत में आ चुके थे । अपने परिवार को न्याय नहीं मिलने से दुखी इस महिला ने रो रोकर सारा इलाका अपने सिर पर उठा लिया था । मामले के अनुसार महिला का एक झोपड़ी भवाली में सन 1952 से है जो बीते माह आँधी से टूट गई थी । आयुक्त को लिखे पत्र में महिला प्रार्थी ने कहा है कि वो अपनी टूटी झोपड़ी को एक पक्के मकान के रूप में बना रही है । महिला ने लिखा है कि नगर पालिका ने उसकी जमीन को पार्क में अतिक्रमण बताते हुए खाली करने को कहा है । अब महिला और नगर पालिका भवाली के बीच विवाद चल रहा है, क्योकी जिस जगह में महिला का घर है जबकि नगर पालिका भवाली उस जगह को अपना बता रही है । महिला अपनी नाबालिग बेटी और बेटे को लेकर कमिश्नरी पहुंची थी । महिला की सबसे बड़ी बेटी 15 वर्षीय कशिश भवाली जी.जी.आई सी. की कक्षा 9 की छात्रा है । दुसरी बेटी 13 वर्षीय तनिष्का कक्षा सात और तीसरी बेटी 10 वर्षीय इशिका कक्षा 3 की छात्रा है । महिला का एकमात्र पुत्र 7 वर्षीय नकुल है जो कक्षा एक में पढ़ता है । महिला का विवादित मकान भवाली से भीमताल रोड मेन बाजार में स्थित है । महिला का नाम निर्मला आर्या पत्नी स्वर्गीय संदीप आर्या है । आयुक्त को दिए गए पत्र में कहा है कि प्रार्थी 1952 से अपनी झोपड़ी में रह रही है जो बीते माह आँधी से टूट गया थी । प्रार्थी अपना पक्का मकान बना रही है । बीती 7 जुलाई को पालिका ने नोटिस जारी कर उसके इस मकान को अवैध बताते हुए उसे अतिक्रमणकारी कहा और जगह खाली करने को कहा । महिला ने नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी, पालिका लिपिक मनोज तिवारी और पूर्व चेयरमैन के भाई जगदीश जोशी पर अभद्रता करने का आरोप लगाया । महिला में कहा है कि उसे सन 2014 से तंग किया जा रहा है । प्रार्थी ने निष्पक्ष जाँच करने की मांग की है । मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एस.डी.एम.वंदना सिंह अपना महत्वपूर्ण कार्य छोड़कर महिला से मिलने पहुंची । उनका कहना था कि जमीन की सही से पैमाइश (डिमार्केशन)करने के बाद से जमीन का सही मामला सामने आएगा । उन्होंने कहा कि आत्महत्या करना कोई समाधान नहीं है ।