रिपोर्ट – कान्ता पाल/ नैनीताल – उच्च न्यायालय ने विकासनगर में चार अक्टूबर 2015 को मर्चेंट नेवी के अधिकारी की संदिग्ध मौत के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम(एस.आई.टी.) बनाकर दोबारा जांच करने को कहा है । मर्चेंट नेवी के अधिकारी 24 वर्षीय सिद्धार्थ चंदेल की सन्दिग्ध मौत के मामले में उच्च न्यायालय में सिद्धार्थ के पिता नेकराम चंदेल ने याचिका दायर कर न्यायालय से प्रार्थना की थी कि मामले में जांच रिपोर्ट गलत दी गई है और इस पर सी.बी.आई.जांच की संस्तुति दी जाए ।
आपको बता दें देहरादून जिले के विकासनगर स्थित यमुना पुल पर सिद्धार्थ के डूबने की सूचना आई थी । सिद्धार्थ को चार अक्टूबर 2015 को उसके तीन दोस्त मनीष, आशीष और योगेश उर्फ ‘यश डोगरा’ बुलाकर कहीं ले गए । कालसी थाने में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर नेकराम ने कहा कि दोस्तों से सूचना मिलने के बाद वो घटनास्थल पहुँचे । सिद्धार्थ के शव को इंद्रेश अस्पताल में 5 तारीख को पोस्ट मॉर्टम हाउस में रखा गया था । उस दिन शव का पोस्ट मॉर्टम नहीं किया गया । पोस्ट मॉर्टम 6 तारीख की दोपहर देहरादून में हुआ । शव के पोस्टमॉर्टम होने तक वो फूल गया था । नेकराम ने मामले की संदिग्धता को देखते हुए एफ.आई.आर.दर्ज करने की कोशिश की लेकिन नाकामी हाथ लगी । इसके बाद 21 अक्टूबर 2015 को देहरादून एस.एस.पी.के निर्देश के बाद कालसी थाने में एफ.आई.आर.दर्ज की गई । मामले में सी.बी. सी.आई.डी.ने जांच कर डूबने से सिद्धार्थ की मौत बताया था । जबकी पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट ने कहा कि डूबने से मौत नहीं हुई है । नेकराम ने दस्तावेज लगाते हुए उच्च न्यायालय से सी.बी.आई.जांच की मांग की थी । उन्होंने न्यायालय को ये भी बताया कि सिद्धार्थ नेवी में अधिकारी था और तैरना भली भांति जनता था, वो डूब नहीं सकता था ।
लोकेंद्र डोभाल, अधिवक्ता याचिकाकर्ता ने बताया , आज उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने राज्य के गृह सचिव को एक हफ्ते में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम(एस.आई.टी.)बनाकर छह माह के भीतर जांच कर रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने को कहा है ।