रिपोर्ट – कान्ता पाल/ नैनीताल – आज जन कवि गिरीश तिवारी गिर्दा की 8वी पुण्य तिथि है जिसके अवसर पर नैनीताल की माल रोड में कई रंगकर्मी समूहों ने यात्रा निकाली और गिर्दा द्वारा गायी कविताओं को गाकर गिर्दा को श्रद्धाजलि दी।
1994 के उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन के दौरान अपने जनगीतों और कविताओं के माध्यम से पहाडी जनमानस को उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए बडे प्रभावशाली ढंग से आंदोलित करने का काम किया था। लखनऊ की सडकों पर रिक्शा चलाने के बाद गिर्दा ने राज्य आन्दोलन की ऐसी राह पकडी कि वह उत्तराखंण्ड मे आन्दोलनों के पर्याय बन गये, उन्होंने जनगीतों से लोगो को अपने हक-हकूको के लिये ना सिर्फ लडने की प्रेरणा दी बल्कि परिवर्तन की बयार जगाई।
आपको बता दें कि गिर्दा वो जन कवि थे जिन्होंने अपने लोक गायन के माध्यम से उत्तराखंड आन्दोलन और आमजन मानस की समस्या को सरकार तक पहुचाया। गिर्दा की कवितायें और लोक गीत इतने असरदार और प्रभावशाली होते थे कि सरकारें भी उनके आगे झुकी और उनके आन्दोलनों मे की गई मांगो पर विचार भी करती थी। भारती, युवा रंगकर्मी और डॉ कार्की, युवा कवि ने बताया ,गिर्दा के आन्दोलन जन भावना से जुडे होते थे जिस कारण जब भी गिर्दा के जन आन्दोलन होते थे उनके पीछे हजारों की सँख्या में लोग प्रतिभाग करने पहुंच जाते थे।