कान्तापाल/ नैनीताल – नैनीताल में आज उस समय हड़कंप मच गया जब असमय झील का पानी गेट से पार होकर बलिया नाले के रास्ते बहने लगा । तल्लीताल क्षेत्र के लोगों की नींद पानी के तेज बहाव के चलते खुल गई । क्षेत्रवासियों की माने तो देर रात से नैनीझील का पानी लगातार लीक हो रहा था और सवेरे जब लोग एकत्रित हुए तो इसकी जानकारी लोक निर्माण विभाग कर्मचारियों को दी गई । उन्होंने आनन फानन में गेट चैक किये तो गेट का एक हिस्सा खुला हुआ था जिसे बन्द कर दिया गया ।
तल्लीताल निवासी कान्हा साह ने बताया कि वो देर रात जब दुकान बढ़ाकर घर जा रहे थे तो पानी बहने की आवाज हल्की थी और जब तड़के सवेरे उनकी नींद खुली तो पानी भारी मात्रा में बह रहा था । उन्होंने दूसरे साथियों को इसकी जानकारी दी और फिर व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष मारुति साह को बुलाया गया । मारुति ने जिलाधिकारी दीपेंद्र कुमार चौधरी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी । कुछ समय बाद लो.नि.वी.के कर्मचारियों ने पहुंचकर गेट चैक किये तो वो खुले हुए मिले जिन्हें तत्काल बन्द कर दिया गया ।
तल्लीताल की हल्द्वानी रोड स्थित पिछड़ी बाजार के रहने वाले भुवन काण्डपाल ने बताया कि उन्हें झील का जलस्तर मालूम था और झील से तड़के सवेरे पानी की निकासी होने से उनके होश उड़ गए । उन्होंने अपने साथियों को फोन कर इसकी जानकारी दी जिसके बाद सूचना आग की तरह फैल गई । आनन फानन में गेट बन्द कर दिए गए और जलस्तर सितंबर 3 तारीख तक केवल 8.90 फ़ीट ही हो सका
है । ग्रीष्काल के दौरान नैनीझील के गिरे जलस्तर के कारण काफी चर्चाएं और आंदोलन भी हुए थे । नैनीझील का जून प्रथम माह में जलस्तर रीकॉर्ड डाउन माइनस 7 तक पहुंच गया था । झील की दुर्दशा पर न केवल सरकार बल्कि उच्च न्यायालय भी काफी गंभीर दिखे थे । झील का रिकॉर्ड रखने वाले सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार झील को एक सितंबर तक 11 फ़ीट तक पहुंच जाना चाहिए था जबकि आज 3 सितंबर तक केवल 8.90 फ़ीट तक पहुंच पाई है । उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों इस समय झील के निकासी द्वार यानी गेट खोल दिये जाते थे पर इस वर्ष पानी के कम होने के कारण अभी तक गेट खोले नहीं जा सिक्के हैं
। उन्होंने ये भी बताया कि गेट को किसी ने नहीं खोला है और हो सकता है ये खुद ब खुद ढीला होकर खुल गया है । फिलहाल गेट को लगभग दस राउंड बन्द करने के बाद से पानी की निकासी पर
तो रोक लग गई है लेकिन एक तो झील के जलस्तर में आई कमी और दूसरा किसी शरारती तत्व के गेट खोलने के कारण झील से पानी की भारी संख्या में लीक होने को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता ।