किशोर सिंह / अजमेर – सूफी संत ख़्वाजा गरीब नवाज के 806 वे उर्स के मौके पर ख्वाजा साहब की पवित्र मजार पर होने वाली ग़ुस्ल की रस्म को दरगाह दिवान जैनुवल आबेदीन को करने से रोका इस रस्म को लेकर एक विवाद की स्थिति देर रात उत्पन्न हो गयी थी । इस रस्म को दरगाह दीवान द्वारा ही निभाया जाता है कल आखिरी ग़ुस्ल था जिसे करने से रोकने पर विवाद हो गया l
दरगाह के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है के रात 2 बजे से सुबह बजे 5 बजे तक दिवान ओर उनके पुत्र नसीरुद्दीन को जन्नती दरवाजे के बाहर बैठना पडा खादिमों ने दरगाह दीवान के द्वारा अपने पुत्र को उत्तराधिकारी घोषित करने पर यह विरोधाभास हुआ है l
खादिमों ने घोषणा की दरगाह की होने वाली परंपराओं के विपरीत बताते हुए ग़ुस्ल की रस्म में दीवान के पुत्र नसीरूदीन को शामिल नही होने देने की बात कही जिस पर दीवान आबेदीन ने बिना पुत्र के आस्ताना शरीफ में प्रवेश नही करने की शर्त रख दी। जिसे खादिमों ने मानने से इनकार कर दिया और जन्नती दरवाजे को बंद कर दिया। दीवान आबेदीन अपने पुत्र के साथ जन्नती दरवाजे के बाहर धरने पर बैठ गए सुबह करीब 4.30 बजे जिला कलेक्टर ओर पुलिस अधीक्षक ने दिवान जैनुवल आबेदीन से बातचीत की ओर उन्हें समझाया l
कुछ समय बाद ही दिवान साहब व उनके पुत्र के साथ महेफिल खाने से होते हुए खानगाह मे चले गए दिवान के जाने के बाद खादिमों ने जन्नती दरवाजा खोल दिया, विवाद फिलहाल कुछ समय के लिए टल गया हैआज भी कुल की रस्म के दौरान टकराव होने की आशंका है l