नई दिल्ली – महिलाओं के विषयों से जुड़ी फिल्मों को ‘असंस्कारी’ होने के चलते बैन करने वाले सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का कहना है कि ‘इंदु सरकार’ को कांग्रेस या गांधी परिवार में से किसी से भी एनओसी लेने की जरूरत नहीं है. यूं तो पहलाज निहलानी अक्सर फिल्ममेंकर्स को एनओसी लेने को कहते हैं, लेकिन उनके इस उदार व्यवहार से, इमर्जेंसी की पृष्ठभूमि पर फिल्म बना चुके निर्माता मधुर भंडारकर काफी सुकून में हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मधुर भंडारकर की इस फिल्म के ट्रेलर में इमर्जेंसी पर हुए करारे प्रहार से उत्साहित सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने कहा कि ‘इंदु सरकार’ को कांग्रेस या गांधी परिवार में किसी से एनओसी लेने की जरूरत नहीं है.
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा, ‘मैंने मधुर के ट्रेलर को देखा और मैं उन्हें भारतीय राजनीति के सबसे शर्मनाक अध्यायों में से एक पर से पर्दा हटाने के लिए बधाई देना चाहता हूं. यह पुरी दुनिया में देश को शर्मसार करने वाला समय था. बहुत से बड़े नेताओं को इस दौरान जेल जाना पड़ा. भारतीय लोगों के मनोबल को कुचला गया था.’
वास्तविक घटनाओं और परिस्थितियों पर बनने वाली फिल्मों को संबंधित लोगों से एनओसी लिए बिना पास नहीं किए जाने का नियम है. इस नियम के बारे में पूछे जाने पर सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा, ‘इंदु सरकार किसी का नाम नहीं है. इंदिरा गांधी या संजय गांधी या किसी और का ट्रेलर में कोई जिक्र नहीं है. आप केवल शारीरिक समानता की वजह से फिल्म में उन लोगों के उल्लेख का अनुमान लगा रहे हैं. मैंने ट्रेलर में किसी के नाम का जिक्र नहीं सुना. अगर फिल्म में उनका उल्लेख किया गया है, तो हम देखेंगे. फिलहाल, मुझे खुशी है कि किसी ने इमर्जेंसी पर एक फिल्म बनाई है. यह हमारे राजनीतिक इतिहास में ‘काला धब्बा’ (काला स्थान) है.’
‘इंदु सरकार’ के अलावा इन दिनों अनुपम खेर की फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’, प्रधानमंत्री रह चुके मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर: द मेंकिंग एंड अनमेकिंग ऑफ मनमोहन सिंह’ पर फिल्म बनाने की घोषणा के साथ ही चर्चाएं शुरू हो गई हैं.