रिपोर्ट-कौशल/कुल्लू – खराब मौसम के चलते केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का मनाली दौरा रद्द हो गया है। गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम, वन, परिवहन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री
गोबिंद सिंह ठाकुर अपने दलबल सहित गडकरी के स्वागत के लिए गत दिवस ही मनाली पहुंच गए थे। गडकरी को आज हैलिकाप्टर द्वारा मनाली पहुंच कर निर्माणधीन रोहतांग टनल का निरीक्षण करना था जिसके साथ ही रोहतांग टनल के उत्तरी छोर लाहुल के सिसुु तथा लाहुल के श्ंिाकुला पास भी जाना था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा उनके सहयोगियों के साथ एक बैठक होनी भी तय थी। रोहतांग सुरंग कितनी महत्वपूर्ण है यह दर्शाता है कि इससे पूर्व देश की सुरक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी रोहतांग सुरंग का दौरा कर चुकी हैं। रोहतांग सुरंग निर्माण के साथ ही 12 महीने लेह लदाख सीमा तक सेना व नागरिकों के आवागमन की सुविधा के लिए जांस्कर माउंटेन रेंज के शिंकुला पास 16703 फु ट के नीचे भी करीब 1500 करोड़ रूपए की लागत से एक मोटरेवल सुरंग के निर्माण की योजना है। बीआरओ ने गत वर्ष लाहुल वैली को जंास्कर से जोडऩे हेतु 39.6 किमी. सडक़ का निर्माण किया है। रोहतांग सुरंग के निर्माण से मनाली लेह की दूरी 474 किमी में से 46 किमी कम हो जाएंगे । 10,000 फु ट की उंचाई पर बनने वाली 8.9 किमी लंबी यह देश की पहली सुरंग होगी। रोहतांग सुरंग में 80 किमी प्रति घंटा अधिकतम गति सीमा रहेगी और इसकी डबल लेन सडक़ पर प्रति दिन 3000 वाहन आ-जा सकेंगे। रोहतांग टनल निर्माण की घोषणा 3 जून 2000 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी ने की थी जबकि यूपीए चेयर पर्सन सोनिया गांधी ने 28 जून 2010 को इसकी आधारशिला रखी । इस सुरंग का निर्माण 2015 में पूरा होने का लक्ष्य था जो सुरंग खुदाई में आई दिक्कतों के चलते अक्तूबर 2017 में पूरा तो हो गया लेकिन सुरंग के अंदर अभी काफ ी कार्य बाकी है जो 2019 के अंत तक पूरा होने की आशा है। देरी के चलते 2010 में आंकी गयी इसकी निर्माण लागत 1500 करोड़ से बढ़ कर अब 4000 करोड़ तक पहुंच गई है । प्रदेश विधान सभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतांग सुरंग से लाहुल घाटी जाने की इच्छा व्यक्त की थी। स्थानीय लोगों को विश्वास है कि आगामी लोकसभा चुनावों से पहले नरेंद्र मोदी रोहतांग सुरंग का उदघाटन करेंगे।