रिपोर्ट-कौशल/कुल्लू- रोहतांग सुरंग राज्य की खुबसूरत एवं चारों ओर से घिरी लाहौल घाटी को वर्ष पर्यंत आवाजाही प्रदान कर घाटी की अर्थव्यस्था में बड़ा बदलाव लाने के लिए बाध्य है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज कुल्लू जि़ले के दक्षिण छोर धुंधी से रोहतांग सुरंग से लाहौल-स्पिति के सिसू में प्रवेश करने के उपरांत कही। मुख्यमंत्री ने सीमा सडक़ संगठन और इस राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का निर्माण कर रही स्ट्रॉबेग एजी एफ कॉन्स जेवी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरंग के कार्य की प्रगति का जायजा लिया है। मुख्यमंत्री के लाहौल-स्पिति के सिसू पहुंचने पर लोगों ने कृषि एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा की अगवाई में पारंपरिक ढंग से उनका स्वागत किया। जय राम ठाकुर ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना को शीघ्रातिशीघ्र देश को समर्पित करने के उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडक़री द्वारा रोहतांग तले इस
सुरंग के निर्माण की प्रगति का जायजा लिया जाना था, लेकिन मौसम की खराबी के कारण वह यहां नहीं पहुंच सके। उन्होंने कहा कि 9 किलोमीटर लंबी इस सुरंग के निर्माण पर कुल 4083 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने कहा कि सेरी नाले का प्रबंधन इस सुरंग के निर्माण में आने वाली सबसे बड़ी बाधा थी तथा सुरंग के 600 मीटर भाग के निर्माण में लगभग 4 वर्षों का समय लग गया। उन्होंने कहा कि सुरंग न केवल सभी मौसमों में लाहौल घाटी के लिए आवागमन की सुविधा उपलब्ध करवाएगी, बल्कि पर्यटकों को लाहौल स्पिति की खूबसूरती देखने का भी मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह सुरंग सामरिक महत्व की भी है क्योंकि यह सभी मौसमों में लेह-लदाख तथा चीन की सीमा तक आवागमन की सुविधा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यह सुरंग एक वैज्ञानिक चमत्कार है तथा चालू होन पर दुनियाभर के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करेगी। उन्होंने कहा कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना अगले वर्ष नवंबर में बनकर तैयार हो जाएगी।
सुरंग के निर्माण की प्रगति का जायजा लिया जाना था, लेकिन मौसम की खराबी के कारण वह यहां नहीं पहुंच सके। उन्होंने कहा कि 9 किलोमीटर लंबी इस सुरंग के निर्माण पर कुल 4083 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने कहा कि सेरी नाले का प्रबंधन इस सुरंग के निर्माण में आने वाली सबसे बड़ी बाधा थी तथा सुरंग के 600 मीटर भाग के निर्माण में लगभग 4 वर्षों का समय लग गया। उन्होंने कहा कि सुरंग न केवल सभी मौसमों में लाहौल घाटी के लिए आवागमन की सुविधा उपलब्ध करवाएगी, बल्कि पर्यटकों को लाहौल स्पिति की खूबसूरती देखने का भी मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह सुरंग सामरिक महत्व की भी है क्योंकि यह सभी मौसमों में लेह-लदाख तथा चीन की सीमा तक आवागमन की सुविधा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यह सुरंग एक वैज्ञानिक चमत्कार है तथा चालू होन पर दुनियाभर के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करेगी। उन्होंने कहा कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना अगले वर्ष नवंबर में बनकर तैयार हो जाएगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार रोहतांग सुरंग को पर्यटन से जोडऩे का प्रयास करेगी तथा यह स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार एवं रोजगार के साधन उपलब्ध करवाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस सडक़ पर लेह तक 3 और सुरंगों का निर्माण करने पर विचार कर रही है क्योंकि सामरिक महत्व की सडक़ होने के साथ-साथ इससे 100 किलोमीटर की दूरी तथा 7 घंटे के समय की बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लगभग 6000 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाएं केंद्र सरकार से स्वीकृत करवाने में सफल हुई है तथा यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उदारता के कारण संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय क्षेत्रों तथा यहां के लोगों के विकास की ओर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने घोषणा की कि यांगला पुल का शीघ्र निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के जनजातीय क्षेत्रों को पहली बार जिका परियोजना के अंतर्गत शामिल किया जा रहा हैं। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने मनाली स्थित बर्फ एवं ग्लेशियर अध्ययन संस्थान (सासे) का दौरा किया। कृषि मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पिति वासियों के लिए यह एक यादगार क्षण हैं कि मुख्यमंत्री ने महत्वाकांक्षी सुरंग से लाहौल-स्पिति का दौरा किया है, जिसका निर्माण पूरा होने जा रहा हैं उन्होंने जनजातीय विकास के लिए बजट में वृद्धि करने के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्र की विकास की मांगों के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया। उन्होंने यांगला गांव के लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिये पुल के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया। सांसद राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनहोंने कहा कि प्रधानमंत्री की रोहतांग सुरंग के जल्द निर्माण के प्रति बड़ी दिलचस्पी है क्योंकि यह सुरंग न केवल घाटी को बारहमासी क्नेक्टिविटी प्रदान करगी, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने मनाली हेलीपैड का निरीक्षण किया तथा हेलीपैड का पर्यटन की दृष्टि से विस्तार करने की संभावना को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। परिवहन व वन मंत्री गोविंद ठाकुर, आनी के विधायक किशोरी लाल, लाहौल-स्पिति जिला भाजपा अध्यक्ष राजिंद्र बौद्ध, अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, राम सुभग सिंह, मनीषा नंदा व अनिल खाची, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुंडू, कुल्लू व लाहौल-स्पीति
जिलों के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षकों सहित अन्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
जिलों के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षकों सहित अन्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।