रिपोर्ट-निखिल/कुल्लू – प्रति वर्ष की भांति इस बार भी लाहुल स्पीति के लोगों ने अपने धार्मिक गुरु लला मेमे की पुण्यतिथि कुल्लू में धूमधाम से मनाई । इस कार्यक्रम में बदाह मठ के प्रमुख लामा नवांग रिगजिन ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की । लला मेमे फाउंडेशन द्वारा पिछले नो वर्षों से लगातार अपने गुरु लला मेमे की पुण्यतिथि कुल्लू में 15 फरवरी को मनाता आ रहा है जिसमे कुल्लू घाटी में रहने वाले सेंकडों श्रद्धालु भाग लेते हैं और दिन भर भजन कीर्तनों से माहौल भक्तिमयी बनाये रखते हैं । इस बार भी पुण्यतिथि का आरम्भ सुबह शिव पूजन से आरम्भ हुआ जिसमे सोनम राम एवं जीवन क्रोफा ने लला मेमे द्वारा स्थापित विधि से हवंन किया । इसके पश्चात बौद्ध गुरु नवांग रिगजिन ने नवांग थाई नमक बौद्ध मन्त्र पाठ से कश्मीर में पिछले कल शहीद हुए भारतीय सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की । इस प्रार्थना में सभी श्रधालुओं ने भाग लिया । फाउंडेशन के अध्यक्ष मंगल चंद मनेपा तथा उपाध्यक्ष डॉ चन्द्र मोहन परशीरा ने कहा कि इस भांति की सैंकड़ों लोगों द्वारा सम्मिलित बौद्ध श्रद्धांजलि कहीं पर भी नहीं दे गयी जिसके लिए वह लाहुल स्पीति की सम्वेदनशील जनता का धन्यवाद करते हैं । मंगल चंद मनेपा ने बताया कि लला में फाउंडेशन जहाँ पिछले कई वर्षों से रक्तदान एवं पर्यावरण में अग्रणी हो कर कार्य कर रहा है उसी तरह जल्दी ही फाउंडेशन दारा संगीत अकादमी आरम्भ की जाएगी जिसका संचालन सेवानिवृत लोक सम्पर्क अधिकारी रामदेव, समीर हंस, शकुन और रमेश ठाकुर जैसे कलाकार करेंगे । उपाध्यक्ष डॉ चन्द्र मोहन परशीरा ने लला मेमे द्वारा स्थापित कैलाश तत्व नामक अध्यात्म का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में कम ही समाज है जो एक घर के अंदर समान रूप से हिन्दू और बौद्ध मतों तथा रिवाजों का अनुसरण करता है । पुण्यतिथि के मुख्य अतिथि लामा नवांग रिगजिन ने अपने प्रवचन में जनता से आग्रह किया कि सभी धर्म एक ही शिक्षा देते हैं और सभी धर्मों को समभाव से देखना चाहिय । उन्होंने कहा कि लला मेमे लाहुल के बहुत बड़े शिव भक्त थे और वह उंच नीच का भेद भाव नहीं रखते थे । लामा नवांग के अनुसार लला मेमे अमीर और गरीब को एक नज़र से देखते थे और सभी की समान भाव से सहायता करते थे । पुण्यतिथि कार्यक्रम में लगभग पांच सौ लोगों ने शिरकत की और सदा की भांति घोड़दोर के दोरजे अंग्रूप, रमेश और राजीव गुलेपा ने सभी श्रधालुओं को लंगर का भोजन कराया । आसपास के लाहुली परिवार दिन भर चाय और खाने पीने की चीज़े लाते रहे । कार्यक्रम में रामदेव कपूर, समीर हंस के आलावा विख्यात गायक रमेश ठाकुर ने भी चन्द्रभागा संगम के गीत और पारम्परिक लाहुली गीत गा कर लोगों का दिल जीत लिया । सत्रह मील की भजन मंडली सुभाष एंड पार्टी ने दिन भर लोगों का बेहतरीन भजन से मनोरंजन किया ।
लला मेमे फाउंडेशन पिछले कई वर्षों से उन बिभुतियों को सम्मानित करते आ रहा है जिन्होंने देश तथा समाज के लिए बहुमूल्य युगदान दिया हो । इस वर्ष मियार निवासी शहीद सिपाही तन्ज़िंन छिलटुम, स्पीति निवासी शहीद सूबेदार रिगजिन दोरजे, काजा के लामा ताशी नामग्याल, बारालाचा और सर्छु में फसे लोगों को निकालने के लिए जिला पुलिस लाहुल स्पीति, आपदा प्रबंधन लाहुल स्पीति, पर्वतारोहन संस्थान, लायुल माउंटेनिरिंग क्लब, सीमा सड़क संगठन, महिला मंडल सितिन्ग्री, क्युर, युर्नाथ, अपर तथा लोअर केलंग, युवक माडल केय्लोंग, बिलिंग, यंग ड्रुकपा एसोसिएशन केलंग, अमन कुमार, राहुल शाशनी, रमेश लामा, अशोक राणा, कुंदन लाल, प्रेम लाल तथा हिमाचल परिवहन केलंग आदि को सम्मानित किया । इसके अलावा फाउंडेशन ने एन जी बौद्ध, मनोज भोट , सुनील ठाकुर, प्रियंका कटोच, अम्बिका कपूर, बीजू रोवर, डोला राम, राज सिंघानिया, खुशाल चंद, सोवर युवक मंडल, लाहुल स्पीति छात्र संगठन कुल्लू तथा अरुण शाशनी को फाउंडेशन में बेहतर कार्य करने के लिए सम्मानित किया । स्वन्गला बौद्ध कला मंच उदयपुर को भी संस्कृति के सम्वर्धन कार्य हेतु सम्मानित किया गया ।