गीता का संदेश सार्वभौमिक और सार्वकालिक- हरविन्द्र कल्याण

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करनाल – श्रीमद्भागवत गीता जीवन जीने का सार है, गीता में जीवन की हर समस्या का समाधान निहित है, इसलिए हर व्यक्ति को गीता को आत्मसात् कर जीवनयापन की संज्ञा को चरितार्थ करना चाहिए। योगीराज भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है कि कर्म कर,फल की इच्छा मत कर। गीता का यह संदेश सार्वभौमिक और सार्वकालिक है। ये उद्गार हैफेड के चेयरमैन एवं घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण ने मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित सैक्टर-12 के मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का उद्घाटन करने उपरांत उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। इससे पहले विधायक सहित उपायुक्त डा0 आदित्य दहिया, एडीसी निशांत कुमार यादव, शुगर मिल के एमडी प्रद्युमन सिंह, नगराधीश ईशा काम्बोज, ईओ धीरज कुमार, निफा के चेयरमैन प्रीत पाल पन्नू ने दीप प्रज्जवलित करके गीता जयंती का शुभारम्भ किया। विधायक ने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि गीता सार्वभौमिक व सर्वकालिक है। इस सृष्टि पर जब तक मानव जीवन है तब तक गीता का महत्व मानवता का मार्गदर्शन करता रहेगा।

भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर पूरी दुनिया के लिए मानवता का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि हम गीता के संदेश का जीवन में अनुसरण कर पूरी दुनिया में शान्ति, प्रेम, प्यार व आपसी भाईचारा व सद्भावना स्थापित कर रहे हैं। विश्व बंधुत्व को बढ़ावा देने वाला गीता पवित्र ग्रंथ है। इसमें कल्याण के संदेश छिपे है,जिन्हें हमें अंगीकृत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज के युग में हर मनुष्य किसी न किसी रूप में तनावग्रस्त रहता है,तनाव को खत्म करने के लिए गीता के श£ोकों को कंठवद्य करके उन्हें अपने जहन में उतारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गीता मात्र एक ग्रंथ नहीं बल्कि जीवन का एक शास्त्र है यह कर्म, ज्ञान, युद्ध, यज्ञ आदि विषयों की विस्तृत व्याख्या कर आम लोगों की अज्ञानता दूर करती है।  गीता किसी विशिष्ट व्यक्ति, जाति, वर्ग, पंथ, देश-काल या किसी सम्प्रदाय का ग्रंथ नहीं है बल्कि यह सार्वलौकिक ,सर्वकालिक धर्म ग्रंथ है। यह प्रत्येक देश, प्रत्येक जाति तथा प्रत्येक स्तर के प्रत्येक स्त्री, पुरूष के कल्याण के लिए है। उन्होंने यह भी कहा कि बदलते परिवेश में नैतिक और सामाजिक मूल्य प्रभावित हो रहे है।
गीता जयंती महोत्सव के उदघाटन अवसर पर जेम्बर फैशन ग्रुप जेम्बर इंडोनेशिया के कलाकारों ने महाभारत पर आधारित नाटक की शानदार प्रस्तुति के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का चित्रण किया। इसी प्रकार महर्षि वेदव्यास गुरूकुल विद्यापीठ दिल्ली के विद्यार्थियों ने भी वाद्ययंत्रों के माध्यम से दर्शकों को खुब मनोरजन किया। मुख्यातिथि ने स्मृतिचिन्ह देकर कलाकारों को सम्मानित किया।