चीन की नई चाल ने भारत को चिंता में डाल दिया है। चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘वन बेल्ट वन रोड’ (OBOR) से अब नेपाल भी जुड़ गया है। इस योजना में सहमति न जताने वाले देश भारत को अकेले छोड़ते हुए शुक्रवार को इस परियोजना में शामिल होने के लिए हस्ताक्षर कर दिए। चीन के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में शामिल न होने वाला भारत दक्षिण एशिया का अकेला देश रह गया है।
शुक्रवार को नेपाल के OBOR में शामिल होने के ऐलान के साथ ही चीन के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भारत के खिलाफ नफरत से भरे बयान दिए। विशेषज्ञों ने कहा कि भारत अगर इस योजना में शामिल नहीं हुआ तो उसे भविष्य में दक्षिण एशिया में अलग-थलग कर दिया जाएगा।
OBOR पर चीनी शहर बीजिंग में रविवार को बड़ी बैठक होनी जिसमें योजना में शामिल प्रमुख देशों के प्रतिनिधियों के हिस्सा लेना का अनुमान है। नेपाल के विदेश के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी और नेपाल में चीन के राजदूत यू हॉन्ग ने यहां के उपप्रधानमंत्री कृष्ण बहादुर महारा की मौजूदगी में हस्ताक्षर किया। OBOR समझौते में हस्ताक्षर होने के बाद नेपाल के उपप्रधानमंत्री शुक्रवार को ही बीजिंग में होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन रवाना हो गए।
चीन के OBOR प्रोजेक्ट में शामिल न होने वाले देशों में भूटान के अलावा दूसरा देश था। भूटान के चीन से किसी भी प्रकार के राजनायिक रिश्ते नहीं हैं। बीजिंग के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पाकिस्तान समेत बांग्लादेश और श्रीलंका के भी प्रतिनिध चीन पहुंच रहे हैं। भारत चीन की इस योजना में शामिल नहीं है लेकिन ऐसी खबरें भी हैं बीजिंग में होने वाले इस आयोजन में भारत के भी कुछ विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं।
चीन के विशेषज्ञों ने भारत को चेतावनी देने के साथ ही कहा है कि अगर भारत के सभी पड़ोसी इस योजन में शामिल होते हैँ और भारत शामिल नहीं होता तो पड़ोसी देश भारत पर सवाल खड़ा करेंगे कि वह शामिल क्यों नहीं हुआ। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत दक्षिण एशिया का एक प्रभावशाली देश है इसके बावजूद भी अगर वह परियोजना में शामिल नहीं हुआ तो भविष्य में वह अकेला पड़ सकता है तो भारत के लिए अच्छा संकेत नहीं है।