नई दिल्ली – भारत की आबादी पहले के अनुमान से दो साल बाद यानी 2024 के आसपास चीन की आबादी को पार कर सकती है. इसके 2030 तक 1.5 अरब होने की संभावना है. संयुक्त राष्ट्र के एक पूर्वानुमान में यह दावा किया गया है. संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग ने विश्व आबादी संभावना: 2017 समीक्षा का प्रकाशन किया है. इसमें कहा गया है कि चीन की आबादी फिलहाल 1.41 अरब है और भारत की 1.34 अरब है. इन दोनों देशों की विश्व आबादी में क्रमश: 19 और 18 फीसदी की हिस्सेदारी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब सात साल में या 2024 के आसपास भारत की आबादी चीन की आबादी को पार करने की उम्मीद है.
यह संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक अनुमान के 25वें दौर की समीक्षा रिपोर्ट है. 24वें दौर का अनुमान 2015 में जारी किया गया था. इसमें अनुमान लगाया गया था कि भारत की आबादी 2022 तक चीन को पार कर जाएगी.
नए अनुमान में कहा गया है कि 2024 में भारत और चीन, दोनों की आबादी करीब 1.44 अरब के आसपास होगी. इसके बाद भारत की आबादी 2030 में 1.5 अरब और 2050 में 1.66 अरब होने का अनुमान है. चीन की आबादी 2030 तक स्थिर रहने का अनुमान है जिसके बाद इसमें धीमी गिरावट आ सकती है. भारत की आबादी में 2050 के बाद कमी आ सकती है.
सामूहिक रूप से 10 देशों की आबादी 2017 से 2050 के बीच बढ़ कर दुनिया की कुल आबादी की आधी से अधिक हो जाने की उम्मीद है. इन देशों में भारत, नाइजीरिया, कांगो, पाकिस्तान, इथोपिया, तंजानिया, अमेरिका, यूगांडा, इंडोनेशिया और मिस्र शामिल हैं.
इन 10 देशों में नाइजीरिया की आबादी सबसे तेजी से बढ़ रही है. उसकी आबादी अमेरिका की आबादी को पार कर जाने का अनुमान है और 2050 से कुछ वर्ष पहले यह दुनिया की तीसरा सर्वाधिक आबादी वाला देश बन जाएगा.