जोधपुर – 10वीं क्लास की एक स्टूडेंट सुसाइड गेम ब्लू व्हेल के भंवर में फंस गई उसे पहाड़ी से कूदने का टास्क मिला तो वह सोमवार रात ग्यारह बजे के करीब कायलाना-सिद्धनाथ की पहाड़ियों पर चली गई और कूद गई, लेकिन उसे लोगों ने बचा लिया। 17 वर्षीय यह छात्रा मंडोर क्षेत्र निवासी बीएसएफ के जवान की बेटी है। उसे गेम के आखिरी स्टेज में पहाड़ी से कूदना था। उसने रास्ते में बाजार से चाकू लिया और हाथ पर व्हेल की आकृति उकेरकर बीच में ए-एस लिखा और झील में कूद गई ।
मंडोर क्षेत्र में रहनेवाले बीएसएफ जवान की 17 वर्षीय बेटी के पास एंड्रायड फोन है। वह पिछले कुछ दिनों से इस पर ब्लू व्हेल गेम खेल रही थी। उसने इसकी सारी स्टेज पार कर ली थी। हालांकि उसने इसकी भनक घरवालों को नहीं लगने दी। अंतिम टास्क के रूप में उसे पहाड़ी से कूदकर आत्महत्या करनी थी। इसके तहत सोमवार दोपहर वह सहेलियों के साथ बाजार जाने का कहकर स्कूटी पर निकल गई, वह स्कूटी लेकर कायलाना और सिद्धनाथ की पहाडिय़ों की तरफ आ गई।
किसी तरह गोताखोरों और पुलिसकर्मियों ने उसे बचा लिया और पैरेंट्स के सुपुर्द कर दिया l किशोरी बीएसएफ के जवान की बेटी है, माता पिता ने उसके काफी देर तक न लौटने पर उसे फोन किया लेकिन पाया कि वह फोन कहीं छोड़ गई है क्योंकि किसी अजनबी ने फोन पर रिप्लाई किया l इसके बाद परिवार खोजबीन में जुट गया और इसी दौरान लड़की को झील के आसपास देखा गया l कुछ लोगों ने पुलिस को अलर्ट किया और पुलिस भी ठीक उसी समय वहां पहुंच गई जब लड़की चोटी से कूदी l
पुलिस ऑफिसर लेखराज सिहाग ने बताया कि उन्होंने और गोताखोर ओम प्रकाश ने मिलकर लड़की को झील से निकाला l जब उससे यह सब करने का कारण पूछा गया तो उसका कहना था कि उसे ‘टास्क पूरा करना था l यह सुनकर सब सकते में आ गए कि यह खतरनाक गेम देश में कई जान ले चुकी है l