कान्तापाल/ नैनीताल – जिले के रामगढ़ में अवैध खनन से अब पानी की लाइनें भी टूट गई है जिससे आसपास के छह गांवों के लोगों के गले सूखने और खेत बंजर होने का खतरा बन गया है । गांव वाले अब आपदा के डर से अवैध खनन के खिलाफ आंदोलन की राह चल पड़े हैं ।
रामगढ़ के बड़ेत गांव में वर्षों से पटाल के पत्थरों का अवैध खनन चलता आ रहा है । खनन माफिया पहले तो सिर्फ बेशकीमती पत्थर उठा ले जाया करते थे लेकिन अब वो बेकार मिट्टी को नीचे श्रोत के पानी और पेयजल लाइन के ऊपर फेंकने लगे हैं । इससे न केवल श्रोत सूख गए हैं बल्कि पेयजल के लिए सरकार द्वारा लगाई गई पाईप लाइन भी टूट गई है । ऐसे में ग्रामीणों का मानना है कि अगर बरसात के दिनों में नाला उफान पर चढ़ेगा तो वो उनके खेत और घर सब बहा ले जाएगा ।
इस पेयजल किल्लत से अब शीघ्र ही भियालगांव, बड़ेत, सांगिला, पयाखोली, डोर, किलौर और डोल में पानी के लिए मारा मारी हो सकती है । नैनीताल तहसील के बड़ेत गांव में अवैध खनन के खिलाफ आज दर्जनों ग्रामीण एकत्रित हुए और नैनीताल जिलाधिकारी को इस भीषण समस्या से निजात दिलाने के लिए ज्ञापन देने पहुंचे । ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पिछले 4 वर्षों से यहां खनन शुरू हुआ और अब एकाएक ज्यादा होने लगा है । उन्होंने आरोप लगाया कि माफिया जे.सी.बी.और पोकलैंड मशीनों से अवैध कटान व खनन करते हैं जिससे पहाड़ों के शक्ति और स्वरूप खराब होते जा रहा है । ग्रामीणों का कहना है कि अवैध खनन के कारण पानी के नौले और पाइप लाइन भी टूट चुकी हैं । प्रशासन का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा इस समस्या को उनके संज्ञान में लाया गया है और अब वो इसकी जल्द से जल्द जांच कराकर अवैध खनन को रुकवाएँगे और ग्रामीणों की पेयजल लाइनों को दुरुस्त करेंगे ।