कान्तापाल/ नैनीताल – उत्तराखण्ड में कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्या से हुई मौत का मामला पहुंचा उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय । उधम सिंह नगर जिले के शांतिपुरी निवासी कांग्रेसी किसान नेता गणेश उपाध्याय की जनहित याचिका में केंद्र सरकार व अन्यों को वादी बनाया गया है । याचिका में कहा गया है कि जून 2017 के बाद से राज्य में कर्ज में डूबे लगभग 5 किसानों ने आत्महत्या की है । पहले खटीमा के हल्दी पछेड़ा गांव के 42 वर्षीय किसान राम अवतार नेजून माह में पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी थी । दूसरे केस में 16 जून 2017 को पिथौरागढ़ में ग्रामीण कॉपरेटिव बैंक से लोन संबंधी नोटिस आने के बाद एक किसान ने आत्महत्या की थी । तीसरे केस में 30 जून को बाजपुर के 38 वर्षीय किसान बलविंदर सिंह को बैंक से 7,49,896/= नोटिस आने के बाद 12 जुलाई को उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी । चतुर्थ केस में 7 सितंबर को 65 वर्षीय राधा किशन का हृदयगति रुकने से देहांत हो गया था जिन्होंने कृषि लोन लिया था और देने में असफल हो रहे थे । याचिकाकर्ता ने न्यायालय से किसानों के कर्ज की धनराशि देने में असफल होने पर राहत देने
की मांग की है । संदीप तिवारी, अधिवक्ता याचिकाकर्ता ने बताया कि आज मुख्य न्यायाधीश के.एम.जोसफ और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) को नोटिस जारी करते हुए 21 दिन के भीतर जवाब देने को कहा है l