नैनीताल – पाषाण देवी में भक्तों की भीड़

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कान्तापाल/ नैनीताल –   नवरात्रि  में मां पाषाण देवी मंदिर में देवी दर्शन  के लिए भक्तों की भीड़ लगी है। नैनीताल का पाषाण देवी मंदिर नैनीझील किनारे ठण्डी सड़क स्थित है। पाषाण देवी माँ का यह मंदिर में नवरात्रि  के पावन पर्व में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है, नवरात्रि के नवें दिन इस मंदिर का महत्व और भी बढ जाती है। माॅ भगवती के रूपो के दर्शन होते है, जिसके लिए भक्त सुबह से ही माॅ पाषण देवी के मंदिर मे आने शुरू हो जाते है माॅ के भक्त दर्शनों  के लिये भक्त दूर-दूर से माता के दरबार में पहुचकर मन्नतें मांगते हैं।
पाषाण देवी मंदिर की महत्त्वता इसलिए बढ़ जाती है क्योकि पहाड़ी के पत्थर में माँ की आकृति बनी है और इसमें पिंडी के रूप में माता के नौ रूप हैं मान्यता है कि माता की पादुकाएं झील के भीतर हैं। इसलिए झील के जल को कैलाश मानसरोवर की तरह पवित्र माना गया है। जगदीश भट्रट पुजारी पाषण देवी मंदिर  ने बताया कि इस नैनी सरोवर के जल को लोग घर भी लेकर जाते हैं। माना जाता है जल को घर में रखने से घर में सुख शांति बनी रहती है।

माता के भक्त मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि माता की नवदुर्गा के रूप में वैष्णव विधि से पूजा होती है। हर दस दिन में माता को शंख के जल से स्रान कराया जाता है। इस जल को लेने दूर-दूर से लोग आते हैं। कहा जाता है कि इस जल के सेवन और स्रान से कई तरह के रोगों से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता है कि मां का चेहरा धुले पानी से समस्त त्वचा रोगों के साथ ही अतृप्त व बुरी आत्माओं के प्रकोप भी समाप्त हो जाते हैं। नवरात्रि में माँ की पूजा करने से मां भक्तों की मनोकामनाये पुरी करती है।