नैनीताल – माँ नन्दा देवी महोत्सव को इको फ्रेंडली मनाया जाएगा

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कांतापाल / नैनीताल – उत्तराखंड के नैनीताल में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखते हुए प्रतिष्ठित माँ नन्दा और सुनन्दा देवी की प्रतिमा को इस वर्ष इको फ्रेंडली (पर्यावरण प्रिय) बनाया जा रहा है। मूर्ति में केले के पेड़, बाँस, रंग, प्राकृतिक रंग, घाँस, रुई और कपड़े समेत अन्य पर्यावरण प्रिय वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है। प्रदेश के मान्यता प्राप्त व् पहाड़ों में प्रतिष्ठित माँ नन्दा देवी महोत्सव की इनदिनों तैयारियां जोरों पर हैं, यहाँ माँ की मूर्ति को बनाने में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मूर्ति को इको फ्रेंडली वस्तुओं से बनाया जा रहा है जिससे इसे प्राण प्रतिष्ठा और भक्तों के दर्शनों के बाद झील में विसर्जित किया जा सके। मूर्ति निर्माण के लिए कदली वृक्ष कोटाबाग के बजूनिया गाँव लाया गया।

आज से मूर्ति निर्माण शुरू कर दिया गया ।  मनोज साह, मूर्तिकार ने बताया कि कदली वृक्ष, बांस, नैचुरल पेंट, घांस, रुई और कपडे से बनाई जाने वाली माँ नंदा सुनन्दा की प्रतिमा को रात प्राण प्रतिष्ठा के बाद चार बजे सवेरे ब्रह्म मूर्त में भक्तों के दर्शनों के लिए रख दिया जाता है। नयना देवी परिसर में होने वाला ये महोत्सव इस वर्ष अपने 114वें वर्ष में प्रवेश कर गया है।  इसमें देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु माँ के दर्शन करने पहुँचते हैं। मेले में हर रोज भण्डारा लगता है जहाँ लाखों की संख्या में भक्त प्रशाद ग्रहण करते हैं। आयोजकों के अनुसार मूर्ति निर्माण में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा गया है और आज देर रात तक इसके तैयार  होने के बाद इसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मूर्ति को नैना देवी मन्दिर में दर्शकों के दर्शनों के लिए रखा जाएगा और आगामी 1अगस्त को नगर भ्रमण के बाद झील में विसर्जित कर दिया जाएगा।