कान्तापाल / नैनीताल – होली के नजदीक आते ही पूरे कुमाऊ में होली का खुमार छाने लगा है। सरोवर नगरी नैनीताल के प्रतिष्ठित माँ नयना देवी मंदिर में भी युग मंच की तरफ से आयोजित 21 वां होली महोत्सव का धूमधाम से आगाज हो गया है। नैनीताल के सांस्कृतिक युग मंच संस्था ने इस 3 दिवसीय होली महोत्सव की शुरूआत अपने अनोखे अंदाज में की है । हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नयना देवी प्रांगण में होलियारों का बड़ा जमावड़ा रहा । चम्पावत से राजेंद्र गहतोड़ी और नागेन्द्र जोशी के नेतृत्व में दो होलियारो की टीमों ने मंदिर प्रांगण में पारम्परिक होली प्रस्तुत की । इस दौरान होलियारों ने मंदिर प्रांगण में कदम से कदम मिला कर होली की प्रस्तुति दी। कुमाउनी ढोलों की ताल ने सभी होल्यारों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। चम्पावत से आए होल्यार राजेंद्र गहतोड़ी ने बताया कि हमारी होली के नृत्य में ताल का बहुत महत्व है। होली के द्वारा समानता का सन्देश देने वाले इस त्यौहार में झोड़ा, झूमता, छपेली जैसे कई तरह के गीतों को गाए जाते है। वे बताते हैं की वो अपने गीतों में देवी की उपासना करते है और इसमें ब्रिज के शब्दों का प्रयोग होता है। उन्होंने बताया कि पहाड़ो में जो कुमाऊनी होली गाई जाती है वो पूरा भारत की संस्कृति को दर्शाती है।
महोत्सव के आयोजक जहूर आलम ने बताया कि इस गौरवशाली परंपरा को वो वर्षों से करते आए हैं। यहाँ खड़ी, बैठकी और महिला होली का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि कुमाऊनी होली में खड़ी होली, बैठकी होली की चाल, ढाल और संगीत इसे भारत मे खेले जाने वाली होली से अलग बनाते है।