नैनीताल हाईकोर्ट में NCERT याचिका पर सुनवाई

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कान्तापाल/ नैनीताल – उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश के सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लागू करने के फैसले पर पब्लिक स्कूल एसोसिएशन एवम निजी प्रकाशकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। आज  न्यायालय की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद मुख्य सचिव को शपथपत्र दाखिल करने को कहा। इसके साथ न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि अगर पब्लिक स्कूल हड़ताल पर जाते है तो उनकी याचिका को निरस्त कर दिया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल के लिए रख दी है।

मामले के अनुसार पब्लिक स्कूल एसोसिएशन एवम निजी प्रकाशकों द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने 23 अगस्त 2017 को एक शासनादेश जारी कर उत्तराखंड में आईसीएससी विधालयो को छोड़कर समस्त राजकीय /सहायता प्राप्त विद्यालयों /मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों और अंग्रेजी माध्यम से चलने वाले विद्यालयों मे NCERT की ही किताबें चलाने का शासनादेश जारी किया था और निजी प्रकाशक की किताबों के चलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया था। शासनादेश  के लागू करने का मुख्य कारण यह भी था कि निजी विद्यालयों में निजी प्रकाशक की ही किताबे महंगे दामो पर बेची जाती है और अभिभावको पर अतिरिक्त व्ययभार पड़ता है तथा शिक्षा का व्यवसायीकरण को रोकना है। यदि किसी स्कूल या दुकान में निजी प्रकाशक की किताबे बेचीं या लागू की जाती है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। यदि किसी विषय के लिए निजी प्रकाशक की किताब नितांत आवशयक है तो उसका मूल्य एनसीआरटीई की दरों पर उपलब्ध की जाय। इन स्कूलो में निजी प्रकाशको की किताबे चलाने को लेकर उन्होंने इस साशनादेश को हाई कोर्ट में चुनोती दी ।

आज उच्च न्यायलय की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद मुख्य सचिव को शपथपत्र दाखिल करने को कहा। साथ न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि अगर पब्लिक स्कूल हड़ताल पर जाते है तो उनकी याचिका को निरस्त कर दिया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल के लिए रख दी है।