नैनीताल हाई कोर्ट ने की स्पेशल अपील खारिज

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कान्तापाल/ नैनीताल – धौरा और बैगुल जलासयों में मछली पालन के टेंडर के मामले में राज्य सरकार को नैनीताल हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है, नैनीताल हाई कोर्ट की खंडपीठ ने टेंडर डालने वाली कंपनियों  की याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे अब सरकार व मत्स्य विकास अभिकरण की निति के मुताबिक इन जलासयों में मत्स्य पालन का टेंडर होगा।
आपको बता दें  कि याचिकाकर्ताओं ने मत्स्य विकाश अभिकरण की उस निति को चुनौती दी थी, जिसमे मत्स्य विकास अभिकरण ने ढौरा व बेगुल डेम में मत्स्य पालन के टेंडर में उन्ही कम्पनियों को सामिल करने की शर्त रखी थी और जिनका टर्न ओवर तीन साल में 5 करोड़ से अधिक हो और वो कम्पनी  इ एस आई व पीएफ में रजिस्टर्ड हो साथ ही उनका आडिट सीए से प्रमाणित हो, सरकार की इस निति को प्रताप ट्रेडिंग कम्पनी व मत्स्य श्रम जीवी सहकारी समिति सहित 5 कंपनियों  ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, 17 नवम्बर को एकलपीठ ने इन याचिकओं  को खारिज कर दिया था एकलपीठ के इस आदेश को प्रताप ट्रेडिंग कम्पनी व मत्स्य श्रमजीवी समिति ने खंडपीठ में चुनौती दी है, जिसके बाद आज मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ व न्यायधीश वीके बिष्ठ की खंडपीठ में आज सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर व मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया की पूर्व में कई कंपनियां आधे टर्म में ही काम छोड़कर चली गयी जिस कारण सरकार को राजस्व की हानि हुई, जिस कारण सरकार ने 3 करोड़ 5 लाख टर्न ओवर की शर्त रखी जबकि पी एफ और ई एस आई श्रमिको के सुरक्षा से सम्बंधित है। सरकार से तर्को सहमत होते हुए याचिकर्ताओ की विशेष अपील को खारिज कर दिया है।