कान्तापाल / नैनीताल – प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों की बदहाली और शिक्षा के गिरते स्तर मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए स्कूलो में 3 माह के अंदर बैंच,डेस्क,ब्लैक बोर्ड, और बेसिक जरुरतों को पूरा करने के आदेश दिए है साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 9 महीनों में सभी कार्य पूरे करने के आदेश देते हुए कहा है की अगर हाईकोर्ट के आदेशो का पालन नहीं होता है तो जनवरी 2018 से शिक्षा अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी जायगी I
आपको बता दे कि देहरादून निवासी दीपक राणा ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उत्तराखंड के सभी प्राथमिक विद्यालयो की स्थिति बदहाल है और इन प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की कमी है,, स्कूल भवन जीर्ण शीर्ण हालत में है,, स्कूलो में शौचालय नही बने है साथ ही बच्चो को रोजाना मिड – डे मील का भोजन भी नही दिया जा रहा है और बच्चों के बैठने के लिए स्कूल में पर्याप्त फर्नीचर नही है और ना ही पानी की उचित व्यवस्था है और स्कूलो में बच्चो के लिए समय पर किताबें उपलब्ध नही हो प् रही हैं जिनको दूर किया जाए।
पूर्व में मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 26 नवम्बर 2016 को राज्य सरकार को दस बिंदूओ की एक गाइड लाइन जारी की थी, जिसमे कोर्ट नें पूर्व में कहा था कि सभी सरकारी स्कूलों में पानी , मिड डे मील की व्यवस्था की जाए साथ ही स्कूलो में पर्याप्त मात्रा में कम्प्यूटर लगाये जायें और अन्य सभी सुविधाएं दी जाएं ।