रिपोर्ट – कान्ता पाल/ नैनीताल – आईसीएससी स्कूलों को छोड़कर राज्य के विघालयों में एनसीईआरटी की किताबें लागू करने के मामले में हाई कोर्ट की एकलपीठ अंतिम सुनवाई करेगी। आज प्राईवेट स्कूलों की ओर से दाखिल जवाब में एनसीईआरटी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा है। प्राइवेट स्कूलों ने एनसीईआरटी पर आरोप लगाया था कि उनको सरकार से किताबों के लिये पैंसे मिलते है लिहाजा वो उसी रेट में किताबें नहीं दे सकते हैं। इसके जवाब में एनसीईआरटी ने कहा कि जो ग्रांट सरकार की ओर से दी जाती है उसका प्रयोग अन्य काम के लिये किया जाता है ना कि किताबें छापने के लिये। दोनो पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट की एकलपीठ 16 जुलाई को पूरे मामले पर सुनवाई करेगी।
आपको बता दें राज्य सरकार द्वारा सूबे में एनसीईआरटी किताबें लागू की गई थी जिसको प्राइवेट स्कूलों और निजी प्रकाशकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई कर कोर्ट ने पिछले दिनों अंतरिम आदेश पारित करते हुए सरकार के 23 अगस्त 2017 के जीओ को बरकरार रखा साथ ही इस सबंध में जारी अन्य जीओ के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को भी कहा है कि वो चाहें तो स्कूलों में अन्य पब्लिशर्स की किताबें लागू कर सकते हैं मगर उन किताबों का मुल्य एनसीईआरटी की तुलना में अधिक ना हों। कोर्ट ने कहा है कि अगर स्कूल कोई किताब लागू करते है तो उसकी मुल्य और किताबों की पूरी जानकारी लिस्ट बनाकर सरकार को देनी होगी। आज हाई कोर्ट की एकलपीठ में एनसीईआरटी के अधिवक्ता शशांक उपाध्याय ने जवाब दाखिल किया है जिसके बाद कोर्ट 16 जुलाई को पूरे मामले पर सुनवाई करेगी।