लंदन – ब्रिटेन की राजधानी लंदन में 27 मंजिला टावर में मंगलवार रात 1:30 बजे (लंदन के वक्त के मुताबिक) आग लग गई। आग बड़ी ही तेजी से सभी फ्लोर्स पर फैल गई। इसमें 6 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 30 जख्मी हैं। ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक, ग्रेनफेल टावर के बाहर खड़े रेजिडेंट्स ने कहा कि आग लगने की वजह एक फ्लैट में रखे फ्रिज में हुआ ब्लास्ट है। लेकिन, फायर सर्विस ने कहा कि अभी इस स्टेज पर इस बारे में कुछ भी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है। चश्मदीदों के मुताबिक, आग से बचाने लिए कुछ पैरेंट्स ने बच्चों को 10th फ्लोर से फेंक दिया। अंदर फंसे लोगों ने बेटशीट्स बांधकर निकलने की कोशिश की। कई लोग अभी भी ऊपरी मंजिलों में फंसे हैं। कुछ मदद के लिए चीखते देखे गए। कुछ ने मदद के लिए सफेद कपड़े भी लहराए। समीरा लामरानी (38) ने न्यूज एजेंसी एपी को बताया, “चश्मदीदों ने एक शख्स को ये कहते सुना कि उसके पड़ोसी के खराब फ्रिज की वजह से आग लगी है। जब में यहां आई तो वो टॉवर के बाहर ही खड़ा था। वो इस बात को लेकर आश्चर्यचकित था कि आग इतनी जल्दी कैसे फैल गई। मैंने उसे ये कहते हुए सुना कि उसने (टॉवर में रहने वाले ने) तुरंत इमरजेंसी सर्विस को कॉल किया था और उन्होंने भरोसा दिलाया था कि सबकुछ ठीक रहेगा।
चश्मदीद समीरा ने ब्रिटिश मीडिया से कहा, “कई लोग खिड़कियों पर दिखाई दे रहे थे। मैंने देखा एक बच्चे को 9th या 10th फ्लोर से फेंका गया। एक खिड़की पर एक महिला अपने बच्चे को फेंकने वाली थी ताकि कोई उसके बच्चे को बचा ले। एक आदमी ने ऐसा ही किया, उसने बच्चे को पकड़ लिया।” माइकल परमासिवन नाम के एक चश्मदीद ने कहा, “मैंने एक महिला से बात की, जो 21st फ्लोर पर रहती थी। आग लगने पर वो अपने 6 बच्चों के साथ सीढ़ियों से नीचे भागी, लेकिन नीचे तक 4 ही बच्चे आ पाए।”
तमारा ने कहा, “लोग अपने बच्चों को बचाने के लिए खिड़की से फेंक रहे थे। वो केवल यही चिल्ला रहे थे- बस मेरे बच्चे को बचा लो।” दम घुटने से लोगों की तबीयत बिगड़ी, पुलिस कमांडर स्टुअर्ट कुडी ने बताया- “मैं 6 लोगों के मौत की खबर की पुष्टि करता हूं, लेकिन मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है।” लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा- “कई लोग की पहचान अभी तक नहीं हो पाई। बिल्डिंग में कितने लोग थे अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है। फायर सर्विस सिर्फ 12th फ्लोर तक ही पहुंच पाई है। मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है।”
वेस्ट लंदन में बने ग्रेनफेल टावर में 120 फ्लैट हैं। यहां करीब 600 लोग रहते हैं। इसे 1974 में बनाया गया था। बता दें कि इस टावर में ज्यादातर फ्लैट्स मुस्लिम कम्युनिटी के हैं। घटना के वक्त रमजान होने की वजह से कई लोग सेहरी के लिए सुबह जल्दी उठ गए थे। आग किस वजह से लगी, अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है। 30 साल की डाना अली पेरेंट्स मारिया और खालिद के साथ 10th फ्लोर पर फंसी थीं। उन्होंने बताया कि हम लिविंग रूम में थे। सभी विंडो और दरवाजे बंद कर दिए ताकि धुआं अंदर न आ पाए। एक चश्मदीद ने बताया कि टावर के ऊपरी मंजिल में फंसे लोग मदद के लिए टॉर्च दिखाई दिए। लोग मदद के लिए चीख रहे थे। दूसरे शख्स ने कहा- इस घटना ने 9/11 आतंकी हमले की याद दिला दी। इस हादसे में कई लोगों के मरने की आशंका है। कुछ लोगों को मैंने खिड़की से कूदते देखा।