बदलते परिवेश में जीएसटी समाज के हर वर्ग के लिए अति आवश्यक – ओएसडी

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करनाल – वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी के बारे में शहर के व्यापारियों, वकीलों और सीए को विस्तार से बुनियादी जानकारी देने के दृष्टिगत स्थानीय एचआईडीसी के सभागार में एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरेन्द्र सिंह ने की। इस मौके पर मुख्यालय से आए आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिक्ति आयुक्त विजय कुमार भी उपस्थित रहे।

ओएसडी ने कहा कि बदलते परिवेश में जीएसटी समाज के हर वर्ग के लिए अति आवश्यक है। एक कर प्रणाली से समाज के हर वर्ग का फायदा होगा और आर्थिक जीवन स्तर अपेक्षाकृत बेहत्तर होगा। यह ऐसी व्यवस्था है जिससे समाज के हर वर्ग का फायदा होने वाला है, बस जरूरत इस बात की है कि जीएसटी को बुनियादी स्तर पर समझ कर कार्यरूप में परिणत किया जाए। उन्होंने आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा आयोजित इस सेमिनार की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि विभाग के अधिकारियों ने व्यापारियों की श्ंाकाओं को दूर करने के लिए जो सेमिनार का आयेाजन किया है वह काबिले तारीफ है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रकार के सेमिनार आगे भी जारी रखें।
अतिरिक्त आयुक्त  विजय कुमार ने जीएसटी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि दवाईयों के साथ-साथ खाने-पीने का सामान भी जीएसटी के लागू होने पर सस्ता होने जा रहा है। चावल और गेहूं जैसी आवश्यक वस्तुओं पर कोई कर नहीं, दूध-दही, ताजा सब्जियां, कुमकुम, बिंदी और पापड़ इत्यादि चीजों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। चीनी, खाद्य तेल, चाय और काफी पर मौजूदा समय में टैक्स 6 प्रतिशत था जो सरकार ने अब 5 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ-साथ दवाईयां सस्ती होने जा रही है इन पर अभी तक 14 प्रतिशत टैक्स था जो अब 12 प्रतिशत रह जाएगा। इतना ही नहीं मोटर साईकिलें व छोटी कारें भी सस्ती होने जा रही है। इन पर निर्धारित मापदंड के अनुसार करीब एक प्रतिशत टैक्स कम होने जा रहा है। उन्होंने सेमिनार के दौरान जीएसटी के बारे में खुलकर जानकारी देते हुए बताया कि वस्तु एवं सेवाकर के बारे मेें किसी को गुमराह होने की जरूरत नहीं, इसके क्रियान्वित होने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और पारदर्शिता आएगी।
इस मौके पर डीईटीसी डा० आनन्द सिंह ने बताया कि स्थानीय व्यापारियों की सुविधा के लिए  ई-मेल आईडी स्थानीय स्तर पर बनाई गई है। इस पर कोई भी व्यापारी या आमआदमी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए प्रश्न पूछ सकता है,जिसका जवाब देने के लिए विभाग के कर्मचारियों की डयूटी लगा दी गई है।