किशोर सिंह / बाड़मेर – देश की पहली बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट का सलाहकार संजीव सिन्हा को नियुक्त किया गया है जो बाड़मेर के रहने वाले हैं। सिन्हा बारहवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद आईआईटी में चुन लिए गए । संजीव जिले के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने आईआईटीयन बने l संजीव ने अपनी मां से 25 साल पहले किए वादे को पूरा कर दिखाया। इनके पिता ग्रिफ में नौकरी करते थे, लेकिन सैलरी कम होने से बैंक से कर्ज लेकर बेटे की आईआईटी की पढ़ाई पूरी करवाई। कानपुर में 5 साल की मेहनत के बाद आईआईटीयन बने और वहां से जापान के टोक्यो चले गए। वहां पर कई कंपनी में काम करने के बाद टाटा में एग्जिक्यूटिव बने।
बाड़मेर शहर की अंबेडकर कॉलोनी निवासी वीरेंद्र सिन्हा के दो बेटे संजीव और राजीव हैं। राजीव सिन्हा सूरत के एक बैंक में एजीएम है। मां उषा रानी का 14 साल पहले निधन हो गया। संजीव ने जापान में वहीं की रहने वाली लड़की से शादी की थी। उनकी एक बेटी भी है।
अब उन्हें जापान रेलवे ने भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी है l देश की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका जिम्मा जापान रेलवे ने संजीव सिन्हा को सौंपा है। टोक्यो में टाटा के फॉर्मर एग्जिक्यूटिव संजीव को जापान रेलवे द्वारा अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिए सलाहकार नियुक्त किया गया है। इस प्रोजेक्ट का भूमिपूजन अहमदाबाद में 14 सितंबर को जापान के पीएम शिंजो आबे और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होना है। वीरेंद्र सिन्हा , संजीव के पिता ने बताया कि मुझे अपने बेटे की कामयाबी पर गर्व है मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि बेटा देश की पहली बुलेट ट्रेन का सलाहकार बनेगा।