भीमताल स्थित ओद्योगिक घाटी के दिन फिर से बहुरने की उम्मीद

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कान्तापाल / नैनीताल -नैनीताल के भीमताल स्थित ओद्योगिक घाटी के दिन फिर से बहुरने की उम्मीद है।घाटी की जमीन के उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट कारपोरेशन से सिडकुल को हस्तांतारित  होने के साथ ही सिडकुल ने ओद्योगिक विकास के लिए आधारभूत सुविधांए जुटाने के लिए संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी है। वर्तमान में यहां पर उद्योग चल रहे हैं लेकिन इन कंपनियों में मात्र 150 से ही कर्मचारी हैं। 1980 के दशक में अविभाजित यूपी शासन में तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने भीमताल में सैकडों नाली भूमि को अधिग्रकहित करते हुए यहां औघोगिक घाटी की स्थापित कराए। तब इसके संचालन का जिम्मा उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्यिल डेवलपमेंट कारपोरेशन । यूपीएसआईडीसी को सौपा गया था।लेकिन अब अधिकांश उघोग बंद हो गए।वर्षो से क्षेत्र के लोग औघोगिक घाटी को सिडकुल के अधीन करने की मांग करते रहे है।लेकिन अब राज्य सरकार ने इस ओद्योगिक घाटी को अपने कब्जे में लेकर वर्षा से बंद पडीं फैक्ट्रियों को हटा कर नये उद्योग लगाने की पहल कर रही है।

औघोगिक घाटी के यूपीएसआईडीसी से मुक्त होने और इसे सिडकुल के अधीन शामिल करने की बात सार्वजनिक रूप से कई पार्टी कह चुकी है सिडकुल के अधीन ओद्योगिक घाटी अब हो चुकी है लेकिन अभी तक क्षेत्रीय कार्यलय भी नही खुला उद्यमी राज्य सरकार की पहल को अच्छा मानते है लेकिन उसे धरातल में जल्द लाने की अावश्यकता है ताकि अपने उद्योग को जीवित रख सके अब सरकार द्वारा इन पहाड़ी क्षेत्रों में  फल जड़ी बूटियां से संबंधित स्थानीय उत्पादों  को बढ़ावा देने को लेकर यहां पर राज्य सरकार बाबा रामदेव से बात कर उद्योग लगाने की बात कर रही है।  हरक सिंह रावत प्रभारी मंत्री नैनीताल ने बताया कि भीमताल के  उद्योगों को  लेकर कर रणनीति बनाई जा रही है ताकि पहाड़ी क्षेत्रों में इन उद्योगों को बचाया जा सके व स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके जिससे यहां के लोग पलायन को मजबूर ना हो।