करनाल – जिला बाल कल्याण परिषद के अध्यक्ष एवं डीसी डा० आदित्य दहिया ने वीरवार को जिला बाल कल्याण अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया मौके पर जिला बाल कल्याण अधिकारी सरबजीत सिंह सिबिया भी उपस्थित थे। डीसी सबसे पहले डे-केयर सैंटर पहुंचे जहां पर माता-पिता अपने काम पर जाने से पहले बच्चों को यहां छोड़ देते हैं। डीसीडब्ल्यूओ ने बताया कि इस सैंटर मे कर्मचारी बच्चों का पूरा ख्याल रखते हैं, यहां तक कि उन्हें खिलौने के साथ खिलाने के साथ-साथ उनकी रूचि के बारे में परख की जाती है। बच्चों को निशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। इस समय डे-केयर सैंटर में प्रतिदिन 36 बच्चे आते हैं। इसके बाद डीसी ने ब्यूटी कल्चर सैंटर का दौरा किया और प्रशिक्षण ले रही लड़कियों से बातचीत की। डीसीडब्ल्यूओ ने डीसी को बताया कि इस समय सैंटर में 27 लड़कियां प्रशिक्षण ले रही हैं जिन्हें 6 महीने और एक साल तक का प्रशिक्षण निशुल्क दिया जाता है।
डीसी ने डीसीडब्ल्यूओ को ई-लाईब्ररी में किताबों की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली, ई-लाईबे्ररी मे किताबों की संख्या बढ़ाने क ो लेकर डीसी ने कहा कि यहां किताबों की संख्यां बढ़ाई जानी जरूरी है ताकि सम्बन्धित को पढऩे के लिए अच्छी-अच्छी पाठय सामग्री उपलब्ध हो सके। डीसी ने किताबों की कमी को पूरा करने के लिए नायाब तरीका ढूंढते हुए अपने पीए को फोन लगाया और कहा कि कार्यालय के बाहर 3*2 का एक छोटा सा पट्ट लगा कर यह लिख दिया जाए कि उनके कार्यालय में यदि कोई भी व्यक्ति मिठाई का डिब्बा या बुक्का लेकर आना चाहता है तो उनके स्थान पर अच्छी पुस्तकें लेकर आए ताकि ई-लाईब्रेरी में किताबों की संख्या भी बढ सके और पाठकों का भी भला हो। अच्छी पुस्तकें पढक़र विद्यार्थी समाज और राष्ट्र की और बेहत्तर तरीके से सेवा कर सके।