करनाल – मंत्री जी, बरसाती पानी के कारण हर वर्ष हमारी हजारों एकड़ फसल खराब हो रही है, हमें तो पशुओं के लिए भी तुडी नजदीक के गांव से खरीदनी पडती है, सिंचाई विभाग के अधिकारी हमारी अनदेखी कर रहे है, बरसाती पानी की निकासी के लिए कोई स्थाई समाधान नही करते, यह मामला वीरवार को पंचायत भवन में आयोजित जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में उपलाना गांव के सुखबीर सिंह व अन्य ग्रामीणों ने समिति के अध्यक्ष एवं श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी के सामने रखा।
राज्यमंत्री ने उपलाना, जबाला व ठरी गांव के किसानों की इस दिक्कत को सुनकर तुरन्त सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी कीमत पर इन गांव के खेतों में बरसाती पानी की निकासी का प्रबंध किया जाए, किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नही आनी चाहिए। सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियन्ता ने बताया कि इसके स्थाई समाधान के लिए नहर पर करीब 322 लाख रुपये से एस्कैप बनाया जाएगा, इसकी प्रपोजल विभाग को भेजी गई है और इसके साथ ही गांव जबाला में बीएमएल नहर पर 31 लाख रुपये की लागत से इन्लेट लगाए जाएगें ताकि गेट बंद होने पर भी पम्पों के माध्यम से बरसाती पानी खेतों से निकाला जा सकें। राज्यमंत्री ने किसानों की स्थिति को देखते हुए कार्यकारी अभियन्ता को निर्देश दिए कि बरसात के मौसम से पहले 15 जुन के लगभग इन गांवों के समीप लगती हांसी बुटाना नहर के पास पम्प लगवाए जाए ताकि समय रहते पानी को निकाला जा सकें और किसानों की फसल को बरसात के पानी से बचाया जा सकें।
एक अन्य मामले में उत्तम चन्द की शिकायत थी कि वह दयानन्द मॉडल सीनियर सकैंडरी स्कूल करनाल में लिपिक के पद से सेवानिवृति हो गया है, अब वह स्कूल बंद हो गया है परन्तु स्कूल प्रबंधन द्वारा उन्हें सेवानिवृति के बाद मिलने वाली राशि नहीं दी गई है जोकि स्कूल प्रबंधन द्वारा 25 प्रतिशत बनती है। इस पर संज्ञान लेते हुए राज्यमंत्री ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि इस मामले पर उचित कार्यवाही करके पीडित को न्याय दिलाया जाएं। गगसीना निवासी चरण सिंह ने जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक के माध्यम से मांग की है कि उनके गांव के स्टेडियम की तेज हवा के कारण दीवार गिर गई है उसे दोबारा बनवाया जाएं। इस पर बीडीपीओ घरौंडा ने मंत्री को बताया कि अगले 10 दिनों में इस दीवार के निर्माण कार्य पर कार्य आरम्भ हो जाएगा, इसके लिए एक लाख 20 हजार रुपये का एस्टीमेंट बनाया गया है।
पीर बडौली निवासी रविकुमार ने अपनी शिकायत के माध्यम से आरोप लगाया है कि गांव के कुछ लोगों द्वारा उनके खेतों में गोली चलाई गई थी, जिसमें प्रार्थी के पिता ओमप्रकाश की मृत्यु हो गई थी, पुलिस द्वारा कुछ दोषियों पर कार्यवाही की, परन्तु कुछ ऐसे दोषियों को छोड दिया है जिनकी मिलीभगत से यह सारा प्रकरण हुआ। मामले में पुलिस की जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि जिन व्यक्ति का नाम प्रार्थी ले रहे है जांच में वह दोषी नही पाए गए, इसके बावजूद भी मंत्री ने प्रार्थी की संतुष्ठि के लिए दोबारा जांच करने के आदेश दिए और इस मामले को पैंडिंग रखा। पुलिस सम्बन्धित एक अन्य मामले में फरीदपुर वासी मनोज कुमार ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों द्वारा उनके टै्रक्टर चोरी किया गया और उनके पिता की हत्या की गई, जिसकी एफआईआर थाना घरौंडा में दर्ज है। पुलिस द्वारा अभी तक दोषियों को गिरफ्तार नही किया है। जांच रिपोर्ट में बताया कि इस मामले में कई ऐजंसियों द्वारा जांच की गई है और दोषियों के खिलाफ भी कार्यवाही की गई है। इसके बावजूद भी पुलिस अधीक्षक ने राज्यमंत्री को आश्वासन दिलाया कि इस बार फिर वह स्वयं अपनी देखरेख में जांच करेगें, इस मामले में दूध का दूध- पानी का पानी सामने रखेगें।
जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में राज्यमंत्री के सामने ब्रास गांव के प्रवेश, जसविन्द्र सिंह व सुरेन्द्र सिंह आदि ने सरपंच द्वारा घोटाला करने का मामला रखा। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के सरपंच द्वारा निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया और सरकार के पैसों का दुरूपयोग किया गया। इस पर मंत्री ने संज्ञान लेते हुए एसडीएम करनाल को निर्देश दिए कि इसकी दोबारा से हर पहलू पर जांच करे तथा दोषी के खिलाफ कार्यवाही की जाए। जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में 10 मामले रखे गए, जिनमें से 7 मामलों का मंत्री ने समाधान किया और अन्य 3 मामलों को अगली बैठक के लिए लम्बित कर दिया। इसके अलावा राज्यमंत्री ने दर्जनों अन्य लोगों की शिकायतें भी सुनी, जिनके समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।