नई दिल्ली – राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी के सवाल पर सरकार और विपक्षी दलों के बीच वार्ता का सिलसिला शुरू हो गया है। सत्ता पक्ष की ओर से आम सहमति की संभावना तलाशने के लिए की गई पहल को देखते हुए विपक्ष ने सरकार का मूड भांपने के बाद ही आगे की रणनीति तय करने का फैसला किया है। भाजपा की ओर से राजनाथ सिंह की अगुआई में गठित मंत्रियों की तीन सदस्यीय समिति शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात करेगी। चुनाव आयोग के द्वारा राष्ट्रपति चुनावों का नोटिफिकेशन जारी करने के बाद से ही इसकी सुगबुगाहट तेज हो गई है. एक तरफ जहां एनडीए और यूपीए अपना उम्मीदवार चुनने में माथापच्ची कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर 6 लोगों ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश कर दी है I हालांकि, इन सभी का नामांकन रद्द होना तय है क्योंकि इनमें से किसी ने भी निर्वाचक मंडल में से 50 प्रस्तावकों और प्रस्ताव के इतने ही समर्थकों के दस्तखत की अनिवार्य शर्त पूरी नहीं की है I
इन 6 लोगों में मुंबई के पटेल दंपति सायरा बानो, मोहम्मद पटेल और मोहम्मद पटेल, अब्दुल हामिद सहित छह लोगों ने बुधवार को राष्ट्रपति चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पहले दिन अपना पर्चा दाखिल किया. इनके अलावा तमिलनाडु के के. पद्मराजन, मध्य प्रदेश के आनंद सिंह कुशवाहा, तेलंगाना के ए. बाला राज और पुणे के कोंडेकर विजयप्रकाश ने भी अपना नामांकन-पत्र दाखिल किया. राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना बुधवार को जारी होने के साथ ही उम्मीदवारी पर सत्ता और विपक्ष दोनों खेमों की राजनीतिक सक्रियता अचानक तेज हो गई। विपक्षी दलों की राष्ट्रपति चुनाव पर गठित समिति की जहां बैठक हुई, वहीं वेंकैया नायडू ने विपक्षी नेताओं को फोन कर वार्ता का न्योता देना शुरू कर दिया।