शहीद के परिवार को सहायता राशि के रूप में मिलने वाला चेक सरकारी दफ्तर में ही गुम

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विवेक कुमार / जौनपुर  – जब कोई अपने देश के लिए शहीद होता है तो केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक उसके परिवार को मदद के लिए आगे आती है लेकिन सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही के चलते शहीद के परिजन सरकार से मिलने वाली मदद की राह ही देखते रह गए  | ऐसा ही एक मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के जौनपुर में जहां मुख्यमन्त्री द्वारा शहीद के परिजनों को देने के लिए 6 महीने पहले भेजा गया पांच लाख रूपये का चेक सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही के चलते गायब हो गया है |  पिछले 6 महीनो से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे शहीद के पिता ने आज प्रभारी मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से मिलकर अपनी समस्या सुनाई | प्रभारी मंत्री ने शर्मिदंगी महसूस करते हुए शहीद के पिता से हाथ जोड़कर माफ़ी मांगी और दो घंटे के अंदर उन्हें चेक उपलब्ध  कराने का आश्वासन  दिया |

प्रदेश में योगी सरकार के भी 100 दिन पूरे हो गये | प्रभारी मंत्री हर जिले में जा कर सरकार की  उपलब्धियां  गिना रहे हैं  इसी काम  में जौनपुर की प्रभारी मंत्री रीता बहुगुणा जोशी भी जिले में आ कर सरकार के 100 दिन विश्वास के बता रही हैं  लेकिन पिछले 6 महीनो से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे शहीद के पिता को योगी सरकार के 100 दिन में भी मदद नही मिल सकी |  आज से एक साल पहले 25 जून 2016 को कश्मीर के पम्पोर में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए  CRPF के  एक जवान संजय सिंह जौनपुर के केराकत तहसील के भौरा गाँव का रहने वाले थे | संजय सिंह के मौत से उनके परिवार पर दुखो का  पहाड़ टूट पड़ा |

बेटे से अपनी अर्थी में कंधे की आस लगाये पिता श्यामनारायण सिंह को अपने बेटे को अर्थी को कन्धा देना पड़ा | संजय सिंह की मौत के बाद जिले के आलाधिकारी से लेकर स्थानीय नेता ,विधायक भी उके घर पहुंच कर उनके इस दुःख में हिम्मत बधांई और हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया | संजय सिंह के शहीद होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गाजीपुर में एक सभा के दौरान शहीद संजय की पत्नी को 20 लाख रूपये का चेक दिया गया और पिता के लिए 5 लाख रूपये का चेक मुख्यमंत्री कार्यालय से भेजा गया | शहीद के पिता के लिए भेजा गया मुख्यमंत्री कार्यालय से 5 लाख रूपये का चेक जौनपुर जिला प्रशासन के पास तो आया लेकिन शहीद के पिता को नही मिल सका | शहीद के पिता ने जब चेक के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में सम्पर्क किया तो उन्हें केराकत तहसील भेज दिया गया | पिछले 6 महीने से शहीद के पिता श्यामनारायण सिंह तहसील से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक चक्कर लगा रहे थे |

चक्कर लगाते -लगाते थक चूके श्यामनारायण सिंह ने आज जौनपुर पहुची प्रभारी मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से मुलाकात कर अपनी समस्या उनके सामने रखनी चाही | रीता बहुगुणा जोशी से मिलने पहुचे शहीद के पिता श्यामनारायण सिंह को पुलिस वालो ने ये कहकर आधे घंटे तक बाहर बैठने को कह दिया क्योकि अंदर मंत्री जी 100 दिन विश्वास के  बात बता रही थी | मीडिया ने जब मंत्री से शहीद के पिता की समस्या के बारे में सवाल पूछा और उनके बाहर बैठे रहने की बात  कही गई तो मंत्री जी ने तुरंत शहीद के पिता को अंदर बुलाने को कहा |शहीद के पिता से मिलने के बाद प्रभारी मंत्री ने उनसे हाथ जोड़कर माफ़ी मांगी और दो घंटे के अंदर उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया | प्रभारी मंत्री रीता बहुगुणा जोशी द्वारा आश्वासन मिलने के बाद श्यामनारायण सिंह ने ख़ुशी जाहिर की और उम्मीद जताई की शायद अब उनका चेक उन्हें मिल जाए | फिलहाल प्रभारी मंत्री ने 2 घंटे में समस्या का समाधान करने का आश्वासन तो दे दिया है लेकिन सवाल ये उठता है की आखिर मुख्यमंत्री कार्यालय से  भेजा गया चेक गया कहा | आखिर किसकी लापरवाही है जिसके चलते शहीद के पिता को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़े और दोषियों के खिलाफ सरकार क्या कार्रवाई करती है ?