शुद्ध पर्यावरण हो समृद्ध राष्ट्र हो–भारत के लिए ऐसा इक वरदान है गीता- राज्यमंत्री कृष्ण बेदी

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करनाल –  प्रेम,शांति,सद्भावना का आधार है गीता–सच मानो हर समस्या का समाधान है गीता–शुद्ध पर्यावरण हो, समृद्ध राष्ट्र हो–भारत के लिए ऐसा इक वरदान है गीता–सार्वकालिक  व सार्वभौमिक धर्म ग्रंथ है गीता । जीवन को सफल बनाने के लिए गीता के सार को गहराई से समझने की जरूरत है।
ये उद्गार हरियाणा के सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण बेदी ने वीरवार को गीता जयंती महोत्सव के समापन अवसर पर उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। इससे पहले राज्यमंत्री ने सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में दीप शिखा प्रज्जवतिल करके कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। बेदी ने कहा कि हरियाणा की धर्मक्षेत्र कुरूक्षेत्र की पावन भूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के दौरान मोहग्रस्त अर्जुन को गीता का उपदेश देकर मानवता को संदेश दिया था। श्रीमद भगवद् गीता केवल एक धार्मिक पुस्तक नहीं है यह भगवान श्री कृष्ण के श्रीमुख से निकला ऐसा दिव्य मूलमंत्र है,जो जीवन को कर्म से निरंतर जोड़ता है। गीता से हमें कर्म करने का संदेश मिलता है। मनुष्य को कर्म करते रहना चाहिए फल की इच्छा नहीं। हमें गीता को आत्मसात कर राष्ट्र के नवनिर्माण में अपना योगदान देना चाहिए।
राज्यमंत्री ने गीता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गीता में सभी समस्याओं के समाधान निहित है और गीता के सार को जीवन में ढालकर मनुष्य अपने जीवन की सभी समस्याओं से हल ढूंढ सकता है। जीवन को सफल बनाने के लिए गीता के सार को गहराई से समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि  श्रीमद भगवद् गीता एक ऐसा धार्मिक एवं पवित्र ग्रंथ है जो कर्म ,ज्ञान,युद्ध,यज्ञ आदि विषयों की विस्तृत व्याख्या कर आम लोगों की अज्ञानता दूर करता है। गीता किसी विशिष्ट व्यक्ति,जाति,वर्ग,पंथ या किसी संप्रदाय का ग्रंथ नही है, बल्कि यह सार्वकालिक  व सार्वभौमिक धर्म ग्रंथ है। गीता के संदेश का अनुसरण कर हम विश्व में शांति,आपसी प्रेम-प्यार,भाईचारा व सद्भावना स्थापित कर सकते हंै।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से गीता जयंती समारोह को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक मनाने का निर्णय लिया,उनके निर्णय के तहत पिछले दो साल से विश्व स्तर पर गीता जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है। इससे पहले यह केवल औपचारिकता थी। अब यह देश व प्रदेश के लोगों की शान है,कुरूक्षेत्र का अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में देश व विदेश के लोग पहुंच रहे है। इस वर्ष गीता जयंती पर कुरूक्षेत्र में लाखों की संख्या में लोगों ने अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का आनंद लिया है। इसका उद्घाटन महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने किया था। इस महोत्सव में प्रतिदिन विशिष्ट अतिथियों का आना-जाना लगा रहता है। यह हम सबके लिए गौरव की बात है। इससे भारत देश का मस्तक उंचा हुआ है। गीता जयंती महोत्सव के माध्यम से युवा पीढ़ी को भी अपने देश की सभ्यता और संस्कृति तथा अलौकिक ग्रंथ गीता को समझने का एक मौका मिला है। राज्यमंत्री ने कहा कि तीन दिवसीय गीता जयंती महोत्सव प्रदेश के सभी जिलों में धूमधाम से मनाया गया। उपायुक्त ने राज्यमंत्री को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर उपायुक्त डा०आदित्य दहिया,एडीसी निशांत कुमार यादव,एसडीएम करनाल नरेन्द्र पाल मलिक,सीटीएम ईशा काम्बोज,डीआईपीआरओ सुनील बसताड़ा,ईओ नगरनिगम धीरज कुमार,एआईपीआरओ रघुबीर सिंह , एआईपीआरओ बलराम शर्मा,जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान डिलोढ,जिला कल्याण अधिकारी सुरेन्द्र फुलिया,खंड शिक्षा अधिकारी सपना जैन,मार्किट कमेटी के चेयरमैन ईलम सिंह,भाजपा नेत्री मीना काम्बोज,भाजपा कार्यकर्ता यशपाल ठाकुर सहित शहर के गणमान्य व्यक्ति व अधिकारी उपस्थित रहे।
सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में लोक कलाकारों द्वारा दर्शकों को भक्ति रस से सराबोर किया तथा सामाजिक बुराईयों की रोकथाम बारे भी प्रेरित किया तथा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ड्रामा पार्टी द्वारा जनकल्याणकारी नीतियों व विकासात्मक योजनाओं का गुणगान किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत राजेन्द्र राणा के गु्रप ने वंदे मातरम से की,इसके बाद आईटीआई करनाल की छात्राओं ने भगवान श्री कृष्ण व यशोदा के जीवन पर सुंदर प्रस्तुति दी। विकास शर्मा एंड पार्टी ने भगवान विष्णु के अवतारों पर आधारित अपनी प्रस्तुति दी तथा कामिल एंड गु्रप ने हरियाणवीं संस्कृति से ओत-प्रोत प्रस्तुति दी। रामकुमार एंड पार्टी ने हरियाणवीं नृत्य,निफा द्वारा लाईट एंड सांउड कार्यक्रम के तहत गीता के रहस्य पर प्रस्तुति दी गई तथा राजेन्द्र राणा की टीम ने राष्ट्रीय गान की प्रस्तुति के साथ महोत्सव का समापन किया।