हल्द्वानी का बीमार अस्पताल कैसे करेगा मरीजों की देखभाल

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अंकित साह / हल्द्वानी – कुमायॅू के सबसे वीआईपी शहर हल्द्वानी  में चिकित्सा सुविधायें डाॅक्टरों के ट्रांसफर होने के बाद पूरी तरह लडखडा गयी है। बेस अस्पताल में डाॅक्टरों की तैनाती नही होने पर वार्डों में मरीजों की भर्ती रोक दी गयी है। आॅपरेशन तो दूर की बात रही सर्दी जुखाम के इलाज के लिए मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों  की तरफ रूख करना पड़ रहा है।
इस  बेस अस्पताल में जहां पर सरकारी फरमान मरीजों पर भारी पड़ गया है। बेस अस्पताल में 27 डाॅक्टरों के पद है लेकिन सरकार के ट्रांसफर आदेश के बाद अस्पताल में फिजीश्यिन, सर्जन ईएनटी सहित कई विभागों के डाॅक्टरों के पद खाली हो गयें है। हालात इतने खराब हो गये है कि इलाज के लिए मरीज तडफ रहे है जिसमें ओपीडी के बाहर चस्पा कागज सरकार उदासीनता की पोलखोल रहे है। स्थानीय नागरिक परेशान है कि वह अपने मरीज को प्राइवेट अस्पतालों में कैसे इलाज करायें, विशाल भारती   स्थानीय निवासी ने बताया l

एचबी ओली  चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि डाॅक्टरों की कमी पर सीएमएस काफी चिंतित नज़र आये हैं। उन्होंने राज्य सरकार को इस भयावह स्थिति के बारे में लिखित सूचित भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि मात्र 11 डाॅक्टर के सहारे बेस अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जा रहा है जिससे कई मरीजों को साधारण दिक्कत में भी रेफर किया जा रहा है।

इधर सरकारी अस्पताल में खाली पड़ी ओपीडी सरकार की उदासीनता को सीधे सीधे दर्शा रही है। सरकार अब गरीब परिवारों को मूलभूत आवश्यकता देने में भी अक्षम नज़र आ रही है। ऐसे में मरीजों की हालत को कौन जिम्मेदार होगा।