40 सालों के बाद बंजार को मिला सिराजी नेता, सुरेंद्र शौरी की जीत को लेकर जश्न का माहौल

0
257

कौशल/ कुल्लू – हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला की बंजार विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय नेतृत्व के लिए चली कश्मकश में बंजार घाटी के लोगों ने इस चुनाव में क्षेत्रवाद की राजनीति को सच करके दिखाया है। हालांकि बंजार भाजपा का एक कुनवा स्थानीय नेतृत्व के  खिलाफ था लेकिन बंजार की जनता ने इस कुनवे को नजरअंदाज करते हुए अपनी स्थिरता पर अटल रही और बंजार से स्थानीय नेतृत्व को जीत दिलवाई। हालांकि भाजपा के इस कुनवे ने अंदरखाते वोट बैंक को काफी कुतरा जिस कारण सुरेंद्र शौरी का जीत का आंकड़ा घट गया। बंजार विस. क्षेत्र में लगभग 40 वर्षों के अंतराल में बंजारवासियों को पूर्व विधायक दिले राम शबाब के पश्चात सुरेंद्र शौरी जैसा सिराजी नेता मिला है। भले ही भाजपा व कांग्रेस ने इस बार नए चेहरों पर दाव खेला था ऐसे में नए चेहरों पर खेले दाव से भाजपा को तो फायदा हुआ बल्कि कांग्रेस पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। क्षेत्रवाद की आंधी के सामने कांग्रेस के प्रत्याशी आदित्य विक्रम सिंह नहीं टिक पाए जबकि सैंज वैली, गड़सा वैली, बजौरा, शाढ़ाबाई से लेकर मंगलौर तक कांग्रेस के प्रत्याशी आदित्य विक्रम सिंह को लीड मिलती रही लेकिन जैसे ही मतगणना का दौर बंजार क्षेत्र की ओर बढऩे लगा आदित्य विक्रम सिंह की लीड घटनी शुरू हो गई। इससे पूर्व आदित्य विक्रम सिंह को बढ़ती लीड से साफ हो गया था कि जीत का सेहरा उनके सिर ही सजेगा।
लेकिन, स्थानीय नेतृत्व की आवोहवा के चलते बंजार क्षेत्र के लोगों ने इस जीत के सेहरे को आदित्य विक्रम से छीन कर सिराजी नेता सुरेंद्र शौरी के सिर पर बांध दिया।

क्षेत्रवाद की लड़ाई में बंजार की जनता पूर्व मंत्री कर्ण सिंह द्वारा बंजार में किए गए अथाह विकास के ऋृण को चुकाना भूल गई। बंजार में कांटे की टक्कर के चलते कांग्रेस के प्रत्याशी आदित्य विक्रम सिंह मतगणना के 8वें राउंड तक 5हजार मतों की बढ़त बनाए हुए थे। 8वें राउंड से लेकर 14वें राउंड तक भाजपा के सुरेंद्र शौरी ने एक तरफा वोट लेकर सिर्फ करीब 5हजार की लीड को तोड़ा बल्कि 3240 वोटों से जीत भी हासिल की जिस कारण सुरेंद्र शौरी को 28 हजार वोट मिले और कांग्रेस प्रत्याशी आदित्य विक्रम सिंह को लगभग 25हजार मत प्राप्त हुए। बंजार में सुरेंद्र शौरी के विधायक बनने के पश्चात जश्न का माहौल बना हुआ है।  भाजपा के कार्यकर्ता जहां खुशी के माहौल में झूम उठे हैं वहीं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अपने नेता की हार में गमहीन हुए हैं। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक सोच थी कि बंजार में स्वर्गीय मंत्री कर्ण सिंह द्वारा जो अथाह विकास किए गए थे उसका ऋृण चुकाने के लिए वे आदित्य विक्रम सिंह को बंजार से विधायक देखना चाहते थे लेकिन कुछ रूष्ट कार्यकर्ताओं द्वारा की गई भीतरघात के चलते कांग्रेसजनों का यह सपना पूरा नहीं हो पाया। नवनिर्वाचित विधायक सुरेंद्र शौरी को बंजार विधानसभा से मिले भारी जनादेश को देखते हुए अब यहां की जनता की नजरें उनकी कार्यप्रणाली पर टिकी हैं कि वे अपने कार्यकाल में बंजार क्षेत्र में किस तरह का विकास करेंगे और उन्हें उम्मीद भी है कि स्थानीय नेतृत्व के नाते सुरेंद्र शौरी बंजार के लिए कुछ नया जरूर करेंगे।