करनाल – मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज खुले दरबार में अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि अफसर हो तो क्या हुआ, एक गरीब की बात नहीं सुनोगे ? हमें कर्मचारियों के व्यवहार को ठीक करना आता है,हमारा कार्य जरूरतमंद की सहायता करके,उसकी आवाज को बुलंद करना है। मुख्यमंत्री ने मोदीपुर गांव के चकबंदी पटवारी नफे सिंह के खिलाफ रिश्वत की आई शिकायत पर,उन्हें सस्पेंड करने के निर्देश दिये। तरावड़ी की रहने वाली जय देवी की पिछले एक साल से पेंशन ना मिलने के कारण मुख्यमंत्री ने उपायुक्त को निर्देश दिये कि इसकी जांच की जाए,यदि जांच में जिला समाज कल्याण अधिकारी की गलती पाई जाती है तो उसको संस्पेड किया जाए और यदि आवेदक की गलती पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी जो नियमानुसार कार्यवाही की जाए। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण द्वारा रोड़वेज के जीएम द्वारा आम जनता की अनदेखी करने की बात पर उन्हें अंतिम चेतावनी दी।
मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में आई करीब 121 समस्याओं को सुना और अधिकारियों के सहयोग से उनका निराकरण किया। जिन समस्याओं का निराकरण मुख्यालय से होना था,वह अपने साथ ले गए। जनता दरबार के दौरान करीब 450 लोगों ने अपने प्रार्थना पत्र शिकायतकर्ताओं से लिए और आश्वासन दिलाया कि आपकी हर शिकायत पर कार्यवाही होगी। मुख्यमंत्री ने एक पंचायती जमीन पर कब्जा संबंधी मामले पर संज्ञान लेते हुए नीलोखेड़ी के बीडीपीओ को निर्देश दिये कि सरकारी या पंचायती जमीन पर कब्जा हो जाता है ,परन्तु अधिकारी देखते रहते है,ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी जो अपने सामने पंचायती व सरकारी जमीन पर कब्जा करवाते है। उन्होंने सभी बीडीपीओ को निर्देश दिये कि वे पहले निशानदेही करवाकर पंचायती जमीन पर हो रहे कब्जे को छुडवाएं l दरबार में ज्यादा शिकायतें पुलिस और पंचायत विभाग के खिलाफ थी l बहुत सी शिकायतें ऐसी भीआई जिनका सीएम विंडो पर जाकर भी कोई हल नहीं हुआ था ।