Panipat – मजदूरों को शैल्टर होम में कोई दिक्क्त नहीं पर घर जाने को बेताब

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रिपोर्ट –प्रवीण भारद्वाज /पानीपत – देश व् प्रदेश में लोकडाउन के चलते आवागमन बंद होने से हजारों मजदूर शहरों और गाँवो में रुके हुए हैं । रोजगार नहीं रहा तो पैसे की समस्या सामने आने लगी। प्रशासन ने हर  मजदूर को सभी सुविधाएं शैल्टर होम में मुहैया करवाई तो समाजसेवियों के सहयोग से प्रशासन ने घर घर खाना भी भिजवाया। दवाइयां  भी मुहैया करवाई। लेकिन अब मजदूरों को एक जगह रहते हुए अपने परिवारों की चिंता सताने लगी है  .मजदूर परेशान है और सरकार से घर जाने की गुहार लगाने लगे हैं ।

एक ऐसा वायरस जो लोगों की जान तो ले ही रहा है साथ ही  लोगों की भावनाओं के साथ भी खेल रहा है. जी हां तस्वीरें दिल को पसीज देने वाली हैं जैसे ही हम पानीपत के रोड धर्मशाला में बने शेल्टर होम में पहुंचे तो लोगों का दिल पसीज गया और घर जाने की बात कहने लगे… किसी ने बोला कि उनकी भाभी गुजर गई है उनकी मैयत में जाना है तो किसी ने कहा उनकी भतीजी इस दुनिया में नहीं रही।  तो किसी ने बोला उनके ससुर एक्सपायर हो गए हैं लेकिन उन्हें यहां से जाने नहीं दिया जा रहा। तस्वीरें भावुक कर देने वाली हैं कि एक ऐसा वायरस जिसने लोगों को कैद करके रख दिया है और वह अपनों से दूर होते जा रहे हैं।  प्रवासी मजदूरों का कहना है जब उन्हें कोई बीमारी ही नहीं तो उन्हें यहां क्यों रोका गया है। उन्होंने प्रशासन व सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि कैसे भी करके उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया जाए। वह यहां एक पल भी रहना नहीं चाहते हैं।

वही जो प्रवासी मजदूरों से प्रशासन की व्यवस्थाओं के बारे में पूछा गया तो प्रवासी मजदूरों ने ईमानदारी से बताया उन्हें यहां पर किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। खाना-पीना समय पर मिल रहा है कोई बीमार रहता है तो उसको दवाइयां भी मिल रही है लेकिन रोजगार नहीं मिल रहा। उनका परिवार कैसे चल पाएगा यूपी, बिहार में रह रहे उनके परिवार उनका इंतजार कर रहे हैं लेकिन हमारे पास में तो यहां रोजगार है ना पैसा है ना परिवार ही है वह रहे तो रहे कैसे।