नैनीताल- खगोल प्रेमियों ने वलयाकार सूर्य ग्रहण का दीदार किया

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रिपोर्ट -कांता पाल / नैनीताल – आज खगोल प्रेमियों ने वलयाकार सूर्य ग्रहण का दीदार किया यह सूर्य ग्रहण एशिया अफ्रीका और यूरोप के कुछ भागों से देखा जा सकेगा। भारत से 95 प्रतिशत दिखाई दिया हालांकि मौसम साफ नही होने के चलते लोग सूर्यग्रहण का भरपूर आनंद तो नही ले पाए। खगोल प्रेमियों के लिए इस बार एरीज नैनीताल से सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण भी किया गया, जिसमे 15 सेंटीमीटर सोलर टावर टेलीस्कोप, 6 इंच विक्सन टेलीस्कोप व सन प्रोजेक्शन टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया जाएगा। दीपांकर बनर्जी , डायरेक्टर एरीज: सूर्य ग्रहण उस समय होता है, जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक लेता है, जिसमें आंशिक वलयाकार या पूर्ण सूर्य ग्रहण की घटना देखी जा सकती है, इस घटना को अमावस्या के दिन ही देखा जा सकता है। सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा की गोल छाया पृथ्वी पर पड़ती है। और अंधकारमय क्षेत्र बनाती है, जिसे अंबरा कहा जाता है, अपेक्षाकृत कम अंधकारमय पैनोरमा कहलाता है।सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहण से अधिक दुर्लभ घटना है यह अमावस्या की एक मासिक घटना होती है, परंतु सूर्यग्रहण हर अमावस्या में संभव नहीं है। एरीज निदेशक दीपांकर बनर्जी ने बताया कि सूर्य ग्रहण 10:25 से शुरू होकर 12:08 पर अपने चरम पर था।व 1:54 पर समाप्त हो गया। उन्होंने कहा कि भारत में अगला वलयाकार सूर्यग्रहण 21 मई 2031 को ही संभव होगा, जबकि पूर्ण सूर्य ग्रहण 20 मार्च 2034 को देखा जाएगा।