नैनीताल-पिछले 5 दिनों से चल रही पेयजल की समस्या मामले पर आज कोर्ट में सुनवाई

0
184

रिपोर्ट -कांता पाल /नैनीताल- उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के एक बहुत बड़े क्षेत्र में पिछले 5 दिनों से पानी नही आने पर अधिवक्ता डीसीएस रावत द्वारा कोर्ट के सम्मुख दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की।  मामले की सुनवाई के दौरान जल संस्थान के अधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि क्षतिग्रस्त.पेयजल लाइन को दुरुस्त किया जा रहा है। शाम 4 बजे तक नगर में पेयजल आपूर्ति कर दी जाएगी। कोर्ट ने जल संस्थान को निर्देश दिए है कि जिन क्षेत्रों में पानी नहीं आ रहा है और हॉस्पिटल में टैंकरों से पानी उपलब्ध कराया जाय। जिससे कि आम जनता व मरीजों को परेशानी न हो।  साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है अगर 4 बजे तक पेयजल की आपूर्ति नहीं की जाती हो तो कोर्ट को अवगत कराएं। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई।
अधिवक्ता डीसीएस रावत ने उच्च न्यायालय में आज सुबह प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट में कहा है कि पिछले 5 दिनों से नगर में पेयजल की समस्या से लोग जूझ रहे है। दिन रात लोग लाइनों में खड़े होकर जल श्रोतों से पानी भरने को मजबूर है, तो वही अस्पताल में भर्ती डायलिसिस के मरीजों का डायलिसिस नहीं हो पा रहा है। दोनों अस्पताल भी पानी की समस्या का सामना कर रहे। इसलिए जिन क्षेत्रों व हॉस्पिटलों में पानी नही आ रहा है उन क्षेत्रों के शीघ्र टैंकरों से पानी भेजा जाए ।  नैनीताल में एडीबी की पाइप लाइन से पानी की सप्लाई होती है। जो बीते 20 जून को डीएसए मैदान में बॉक्सिंग रिंग की खुदाई करते समय क्षतिग्रस्त हो गयी थी। जिसकी वजह से नैनीताल के बिडलाचुंगी, स्टोनले, मेविला, जिला पंचायत, राम जे रोड, जु सहित कई क्षेत्रों में पानी की सप्लाई नहीं हुई। जिसकी वजह से लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। पानी के स्रोतों में भी दिन रात पानी भरने वालों की काफी भीड़ लगी हुई है। प्रार्थना पत्र में यह भी कहा गया है कि जब से एडीबी की पाइप  लाइन बिछी है इसी तरह की कई बार समस्या आ चुकी है। कहाँ पर बॉक्सिंग रिंग व रॉक क्लाइम्बिंग बनाया गया है उसके नीचे से पांच पाइप लाइन गुजर रही है । अगर भविष्य में यहाँ पर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होती है तो उस वक्त कई समय तक क्षेत्र वासियों को इसी तरह की समस्या से जूझना पड़ सकता है। इसको बनाते वक्त इसका ध्यान प्रशासन ने नहीं दिया।