करनाल – सीएम सिटी का रुतबा नहीं रहा बरकरार

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करनाल  -हरियाणा में आज मुख्यमंत्री के साथ 13 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की , जिसमें लगभग सभी पुराने चेहरे हैं l हरियाणा के नए मंत्रिमंडल में हर क्षेत्र व बिरादरी को ध्यान में रखते हुए संतुलन बनाने की कोशिश की गई है l नए मंत्रिमंडल में ज्यादातर उन्ही को शामिल किया गया है जो पहले से ही सत्ता में रहते आये हैं l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले नए युवाओं को राजनीति में आने के लिए आह्वान किया था फ़िलहाल तो संभव दिखाई नहीं देता क्योंकि अब भी बड़े परिवार का वर्चस्व चुनाव में साफ दिखाई दे रहा है l एक ही परिवार से मंत्री भी सांसद भी इस बात को दर्शा रहे हैं ,इससे पता चलता है कि राजनीति में परिवारवाद की जड़ें कितनी गहरी हैं l पहले करनाल जिले को सीएम सिटी का प्रतिनिधित्व मिला था  लेकिन अबकी बार पांचों सीटें बीजेपी की झोली में आने के बाद भी यहाँ से किसी विधायक को मंत्री पद नहीं मिला, सीएम सिटी केवल एमएलए सिटी बनकर रह गई l  जिससे करनाल  के लोगों का कहना है कि सीएम सिटी का रुतबा रखने वाली सीट करनाल व अन्य विधानसभा में से किसी को तो प्रतिनिधित्व मिलना ही चाहिए था l

अबकी बार पानीपत जिले से चार सीट में से दो को कैबिनेट मंत्री पद से नवाज़ा गया है l करनाल सीट पहले भी चर्चा का विषय बनी हुई थी जब सीएम नायब सिंह सैनी यहाँ से चुनाव लड़ना चाहते थे पर ऐसा हो नहीं सका l इससे पहले करनाल ही सारे हरियाणा प्रदेश की गतिविधियों का केंद्र था l वैसे तो हरियाणा का चुनावी नतीजा बीजेपी के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है l लोगों का तो यह भी कहना है कि हरियाणा की जनता ने दिखा दिया कि वह बीजेपी से नाराज़ हो सकते हैं पर गद्दारी नहीं कर सकते l जैसा की जनता ने कर भी दिखाया l अब सरकार के गठन के पश्चात् हरियाणा को केंद्र से ज्यादा आर्थिक मदद मिलना भी तय माना जा रहा है क्योंकि हरियाणा की जनता ने हरियाणा में तीसरी बार कमल खिलाकर केंद्र सरकार के हाथों को मज़बूत करने का काम किया है l