करनाल – अमेरिका से डिपोर्ट किये भारतीयों में से करनाल लौटे 7 में से कोई भी मीडिया के सामने आना नहीं चाह रहा है l घरौंडा के कालरों गांव के आकाश के परिवार का कहना है कि वह रिश्तेदारी में चला गया है l इसी तरह नीलोखेड़ी के गांव हैबतपुर का परिवार अभी तक अमृतसर से अपने गांव लौटकर नहीं आया , कही और चले गए हैं l आकाश के भाई शुभम का कहना है कि हमने आकाश को विदेश भेजने के लिए एजेंट को 65 लाख दिए l आकाश को भेजने के लिए हमने अपनी ढाई एकड़ जमीन भी बेच दी । करीब 10 महीने पहले आकाश गया और 26 जनवरी को उसने मैक्सिको की दीवार कूदी जिसके बाद वो अमेरिका में पहुंच गया था लेकिन उसे वहां चौकी में पकड़ लिया था l
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104 भारतीयों को डिपोर्ट करने बारे जब इमीग्रेशन एक्सपर्ट अरविंद कादियान से बात की तो चौकाने वाले तथ्य सामने आये l उन्होंने बताया जिस वीज़ा से विदेश जाने में केवल 2 से 3 लाख का खर्च आता है उसको एजेंट 30 से 40 लाख रूपये तक वसूल कर लेता है और वह भी आधे अधूरे डॉक्युमेंटस के साथ l क्योंकि उनका एक बड़ा नेटवर्क है जो जाने वाले नौजवानों को ऐसा भ्रमित करता है कि वह अपनी जमा-पूंजी गंवाकर और जान जोखिम में डालकर अवैध तरीके से भी डंकी रूट के जरिये अमेरिका-कनाडा जैसे देशों का रुख करते हैं। परिवार भी उनके द्वारा दिखाए सब्जबाग से प्रभावित होकर जमीन घर बेचना हो ,या गिरवी रखना , सब करने को तैयार हो जाते हैं l जैसा कि इन की अपनी अपनी कहानियां हैं l उन्होंने बताया किसी भी देश में अवैध तरीके से बिना वीज़ा के जाना कानूनन अपराध है , जिसके लिए सरकर के पास काफी सूचनाएं होती हैं , ऐसी दुखदाई सूचनाओं को रोकने के लिए सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि हमारे नौजवानों का सुनहरी भविष्य दांव पर न लगे l सरकार को इन सभी अवैध रूप से काम कर रहे एजेंटों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करनी चाहिए l उन्होंने बताया कि मैंने इसी विषय पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में PIL लगाई हुई है जिसका पंजाब सरकार का तो जवाब आ गया है लेकिन हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार का अभी जवाब नहीं आया है l