6 महीने तक तीन तलाक पर रोक, केंद्र संसद में बनाए कानून: सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ मंगलवार(22 अगस्त) को तीन तलाक प्रथा की संवैधानिक वैधता पर ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। शीर्ष अदालत ने फिलहाल पर तीन तलाक पर छह महीने के लिए रोक लगा दी है। साथ ही मुख्य न्यायधीश जेएस खेहर ने कहा कि केंद्र सरकार से इस दौरान कानून बनाने के लिए कहा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि इन छह महीनों के दौरान तीन तलाक के मामले में केंद्र सरकार संसद में कानून बनाए। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा, तलाक असंवैधानिक नहीं। यह सविंधान के 14, 15, 21 और 25 के खिलाफ नहीं। मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने तीन तलाक पर छह दिन तक मैराथन सुनवाई करके गत 18 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

आपको बता दें कि इस मामले की शुरुआत तब हुई थी जब उत्तराखंड के काशीपुर की शायरा बानो ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर तीन तलाक और निकाह हलाला के चलन की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। कोर्ट के फैसले से पहले तीन तलाक की पीड़िता और याचिकाकर्ता शायरा बानो ने कहा कि मुझे लगता है कि फैसला मेरे पक्ष में आएगा। समय बदल गया है और एक कानून जरूर बनाया जाएगा।