जिला प्रशासन किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए प्रतिबद्ध- डा०आदित्य दहिया।

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करनाल – आपदा कभी बताकर नहीं आती,कईं बार प्राकृतिक आपदाओं के कारण जान-माल का बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है,लेकिन प्राकृतिक आपदा के समय सावधानियां बरती जाएं और आपदा से पहले आमजन के साथ बचाव कार्य से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां सांझा की जाए तो इस परिस्थिति में होने वाले नुकसान को अवश्य कम किया जा सकता है। यह विचार जिला एवं सत्र न्यायधीश ललित बत्तरा ने बुधवार को स्थानीय लघु सचिवालय के प्रागंण में भूकम्प सुरक्षा सप्ताह के तहत हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा करवाई गई मोक ड्रील के अवसर पर व्यक्त किये।
जिला एवं सत्र न्यायधीश ने कहा कि बीते समय में विश्व के कईं देशों के अलावा भारत के कुछ राज्यों में भी कईं बार 7.5 रिक्टर पैमाने के भूकम्प के झटके महसूस किये गए है,जिनसे काफी बड़े स्तर पर जान-माल का नुकसान हुआ है। इन विकट परिस्थितियों में सरकार ,प्रशासन तथा सुरक्षा बलों के साथ-2 आमजन को भी बचाव कार्यो में जुटना पड़ता है,इसके लिए आमजन को सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध होना अति आवश्यक है,जो कि आज की मोक ड्रील द्वारा दी गई है।

इस मौके पर उपायुक्त डा०आदित्य दहिया ने कहा कि आपदा के समय आमजन का विश्वास होता है कि सरकार और जिला प्रशासन उनकी अवश्य मदद करेगा,ऐसे में जनता की कसौटी पर खरा उतरना प्रशासन से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों का दायित्व बनता है। इसके लिए उन्हें एक विशेष प्रकार के प्रशिक्षण की अत्यंत आवश्यकता रहती है,जो कि हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान द्वारा समय-समय पर दिया जाता है। आज मोक ड्रील के माध्यम से प्रशिक्षण के बाद की अधिकारियों और कर्मचारियों की तैयारियों की समीक्षा की गई है और यह तैयारियां दर्शाती है कि जिला प्रशासन किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। डीसी ने इस मौके पर उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्राकृतिक आपदा के समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

मोक ड्रील के दौरान पुलिस अधीक्षक जश्रदीप सिंह रंधावा ने अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा आने पर पुलिस के कंधों पर बचाव कार्यो की अहम जिम्मेदारी होती है। इसके लिए पुलिस का भी संबंधित प्रशिक्षण लेना आवश्यक है। उन्होंने आमजन से भी अपील करते हुए कहा कि भूकम्प के दौरान किसी बड़े भवन में बचाव कार्यो में किसी भी प्रकार की बाधा ना आए,इसके लिए भवन के आस-पास गाडिय़ों की सही जगह पार्किंग सुनिश्वित करनी चाहिए।

इस मौके पर सीजेएम सूर्य चंद्रकांत सहित न्यायिक परिसर के अन्य न्यायाधीश,अतिरक्ति उपायुक्त निशांत कुमार यादव,एसडीएम करनाल नरेन्द्र मलिक,नगराधीश अनुपमा सांगवान,जिला राजस्व अधिकारी राजबीर धीमान,अग्रिशमन विभाग से रामपाल व रामकुमार,रेड क्रॉस के डीटीओ एम.सी.धीमान,जिला आपदा प्रबंधन रिसर्च अधिकारी सोरिश सिंगला सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।