करनाल – श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने व्यवहार में तबदीली लाए, जनता से तालमेल रखे, विकास कार्यों में तेजी लाए। अधिकारी आम जनता को संतुष्ट करें, यदि अधिकारी ऐसा भी नही कर सकते तो उनका कार्यालय की कुर्सी पर बैठने का कोई फायदा नही। उन्होंने अधिकारियों को सख्त लहजे में आगाह किया कि यदि भविष्य में जनता खुले दरबारों में इतनी समस्याएं लेकर आएगे तो अधिकारियों की कारगुजारी पर संदेह होगा।
मंत्री नायब सिंह सैनी वीरवार को स्थानीय पंचायत भवन में जिला लोक सम्पर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में मंत्री ने 10 मामलों में से 6 मामलों को मौके पर ही निपटान कर दिया और शेष 4 मामलों की पुन: जांच के लिए उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिकायत कर्ताओं की भारी भींड को देखते हुए अधिकारियों को सचेत किया कि अधिकारी अपने कार्यालयों में लोगों की शिकायत नही सुनते इसलिए लोगों को अपने समस्याओं के निराकरण के लिए खुले दरबारों में आना पड रहा है। बैठक में कई ऐसे मामले आए जिनका शिकायतकर्ताओं ने सीएम विंडों से निराकरण करवाने के लिए आवेदन किया था परन्तु अधिकारियों की लापरवाही के कारण लोगों को समय पर न्याय नही मिल सका। बैठक में एक ऐसे ही मामलें में प्रेम नगर वासी नीरज आनन्द ने शिक्षा अधिकारी पर आरोप लगाया कि उनके पिता का पेंशन व एरियर सम्बन्धित लेन-देन था, जिसका समय पर अधिकारियों ने कोई हल नही किया। इस न्याय के लिए वह हर उच्चाधिकारी के कार्यालय में गया परन्तु उनकी समस्या का कोई हल नही हुआ, अंत में जिला कष्ट निवारण की बैठक में मामला आने पर उन्हें आशा की उम्मीद नजर आई और आज उन्हें न्याय मिल गया। पीडित की आपबीती सुनकर राज्यमंत्री ने शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि इस पूरे मामले की डिटेल अगली बैठक में दें, यह मामला इतना लम्बा किस कारण से वह किसी अधिकारी के कारण हुआ है ताकि उस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जा सकें।
बैठक में बिजना गांव के जोगिन्द्र सिंह ने शास्त्री नगर वासी भगवान दास पर आरोप लगाया कि उन्होंने धोखाधडी से उनके प्लाटों पर कब्जा कर लिया तथा बिना उनकी मर्जी से किसी अन्य को बेच दिया, जब भगवान दास से प्लाट के पैसे मांगे तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया। इस बारे पुलिस में रिपोर्ट की गई परन्तु इस मामले में पुलिस द्वारा भी कोई ठोस कार्यवाही नही की गई। फरियादी की बात सुनकर मंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग को प्लाट के सभी कागजात उपलब्ध करवाए, उच्चाधिकारी इस मामले की पुन: जांच करें। मंत्री ने इस मामलों को लम्बित रखने के आदेश दिए। इसी प्रकार ग्राम पंचायत ब्रांस के पंच जसविन्द्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह, मीना कुमार व प्रवेश कुमार ने सरपंच कर्मचन्द पर विकास कार्यों में घटिया किस्म की सामग्री का प्रयोग करने का आरोप लगाया। जांच रिपोर्ट में बीडीपीओ ने मंत्री को बताया कि शिकायतकर्ताओं की मांग पर सामग्री का सैम्पल भरवाकर लैब में जांच के लिए भेजे गए है, सैम्पल जांच के बाद आगामी कार्यवाही की जाएगी। मंत्री ने इस मामले की जांच पूरी होने तक लम्बित रखने के निर्देश दिए। मंत्री ने एजेंडा से अलग दर्जनों लोगों की समस्याए भी सुनी और अधिकारियों को इन समस्याओं को शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए।
मंत्री नायब सिंह सैनी वीरवार को स्थानीय पंचायत भवन में जिला लोक सम्पर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में मंत्री ने 10 मामलों में से 6 मामलों को मौके पर ही निपटान कर दिया और शेष 4 मामलों की पुन: जांच के लिए उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिकायत कर्ताओं की भारी भींड को देखते हुए अधिकारियों को सचेत किया कि अधिकारी अपने कार्यालयों में लोगों की शिकायत नही सुनते इसलिए लोगों को अपने समस्याओं के निराकरण के लिए खुले दरबारों में आना पड रहा है। बैठक में कई ऐसे मामले आए जिनका शिकायतकर्ताओं ने सीएम विंडों से निराकरण करवाने के लिए आवेदन किया था परन्तु अधिकारियों की लापरवाही के कारण लोगों को समय पर न्याय नही मिल सका। बैठक में एक ऐसे ही मामलें में प्रेम नगर वासी नीरज आनन्द ने शिक्षा अधिकारी पर आरोप लगाया कि उनके पिता का पेंशन व एरियर सम्बन्धित लेन-देन था, जिसका समय पर अधिकारियों ने कोई हल नही किया। इस न्याय के लिए वह हर उच्चाधिकारी के कार्यालय में गया परन्तु उनकी समस्या का कोई हल नही हुआ, अंत में जिला कष्ट निवारण की बैठक में मामला आने पर उन्हें आशा की उम्मीद नजर आई और आज उन्हें न्याय मिल गया। पीडित की आपबीती सुनकर राज्यमंत्री ने शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि इस पूरे मामले की डिटेल अगली बैठक में दें, यह मामला इतना लम्बा किस कारण से वह किसी अधिकारी के कारण हुआ है ताकि उस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जा सकें।
बैठक में बिजना गांव के जोगिन्द्र सिंह ने शास्त्री नगर वासी भगवान दास पर आरोप लगाया कि उन्होंने धोखाधडी से उनके प्लाटों पर कब्जा कर लिया तथा बिना उनकी मर्जी से किसी अन्य को बेच दिया, जब भगवान दास से प्लाट के पैसे मांगे तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया। इस बारे पुलिस में रिपोर्ट की गई परन्तु इस मामले में पुलिस द्वारा भी कोई ठोस कार्यवाही नही की गई। फरियादी की बात सुनकर मंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग को प्लाट के सभी कागजात उपलब्ध करवाए, उच्चाधिकारी इस मामले की पुन: जांच करें। मंत्री ने इस मामलों को लम्बित रखने के आदेश दिए। इसी प्रकार ग्राम पंचायत ब्रांस के पंच जसविन्द्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह, मीना कुमार व प्रवेश कुमार ने सरपंच कर्मचन्द पर विकास कार्यों में घटिया किस्म की सामग्री का प्रयोग करने का आरोप लगाया। जांच रिपोर्ट में बीडीपीओ ने मंत्री को बताया कि शिकायतकर्ताओं की मांग पर सामग्री का सैम्पल भरवाकर लैब में जांच के लिए भेजे गए है, सैम्पल जांच के बाद आगामी कार्यवाही की जाएगी। मंत्री ने इस मामले की जांच पूरी होने तक लम्बित रखने के निर्देश दिए। मंत्री ने एजेंडा से अलग दर्जनों लोगों की समस्याए भी सुनी और अधिकारियों को इन समस्याओं को शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए।
इस मौके पर असंध के विधायक सरदार बख्शीश सिंह विर्क, नीलोखेडी के विधायक भगवान दास कबीरपंथी, भाजपा के जिला अध्यक्ष जगमोहन आनन्द, उपायुक्त डा0 आदित्य दहिया, नगर निगम की आयुक्त डा0 प्रियंका सोनी, अतिरिक्त उपायुक्त निशांत कुमार यादव, समिति के सरकारी व गैर सरकारी सदस्यों में कृष्ण गर्ग, योगेन्द्र राणा,दर्शन सहगल, मीना काम्बोज, रजनी चुघ, जगदेव पाढ़ा, जयपाल शर्मा, बलविन्द्र सिंह, दलबीर सिंह, जनक पोपली, रणबीर गोयत, अमन विर्क, कवलजीत मढ़ान, अमर ठक्कर, बीजेपी एससी मोर्चा के जिला अध्यक्ष कृष्ण भुक्कल सहित भी उपस्थित रहे।