सुमित / पानीपत – पोलिथिन के प्रयोग से हमारे स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ रहा है। इसके प्रयोग से लोग भयानक बीमारियों का भी शिकार हो रहे है और आवारा घूमने वाले पशु भी इससे अछूते नहीं हैं। स्वच्छ भारत मिशन एवं स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत प्रदेश के सभी गांवों को 26 जनवरी से पूर्व पोलिथिन फ्री विलेज बनाना हरियाणा सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। सरकार ने निर्धारित तिथि से पूर्व सभी गांवों को पोलिथिन फ्री विलेज बनाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के सभी पदाधिकारियों व सदस्यों का इस मामले में विशेष सहयोग लेने का निर्णय लिया है जिसके लिए खंड,ब्लाक, तहसील व् जिला स्तर पर अधिकारी सरपंचो व् जिला परिषद मैंबरों की मीटिंग ले रहे हैं , ताकि गाँवों को पोलिथिन मुक्त करने में सहयोग लिया जा सके।
पानीपत के अतिरिक्त उपायुक्त राजीव मेहता ने बताया स्वच्छ भारत मिशन के तहत गणतंत्र दिवस समारोह से पहले सभी गांवों को पोलिथिन फ्री विलेज बनाया जाना है इस कार्य में पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों का विशेष सहयोग लिया जाएगा उनके बगैर यह कार्य संभव नहीं है जिस तरह जिले को ओडीएफ करने में पंचायतो ने सहयोग किया उसी तरह इस मिशन को भी तय समय में पूरा कर लेंगे । उन्होंने बताया की पोलिथिन एक ऐसा पदार्थ है जो जलाने से भी खत्म नही होता बल्कि इसे जलाते वक्त जो जहरीली गैस निकलती है, उससे बीमारियों पैदा होती है । यह कूड़े के साथ मिलकर खेतों में पहुंच कर भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर करती है। यदि ग्रामीण अपने-अपने घरों में पोलिथिन व सूखे कचरे का एक कट्टा अथवा अन्य पात्र रख लेते हैं तो इससे पोलिथिन को एकत्र कर बेचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पोलिथिन को खरीदने के लिए अनेक एजेंसियों से संपर्क किया जा रहा है। एजेंसी का कर्मचारी घर-घर जाकर प्रत्येक सप्ताह इस पोलिथिन को इक्ट्ठा करेगा। सरपंचों का भी कहना था कि अगर प्रशासन सहयोग करें तो ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी प्रशासन की मदद करने को तैयार हैं इसके लिए गाँव में पंचायत कर लोगो को इसके दुष्प्रभावों बारे में बताकर जागरूक किया जाएगा। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हम पोलिथिन छोड़ने के लिए तैयार हैं बशर्ते सरकार इसका ऑप्शन उनके सामने लाये वह घर का समान व् अन्य जरूरी चीजें किस में डाल कर लाएं। कपड़े व् कागज के लिफ़ाफ़े या थैले गाँवों में उपलब्ध करवाने होंगे तभी यह संभव होगा।