करनाल -लाल बत्ती चौक पर आने जाने वालों को परेशान कर भीख मांगने वालों के खिलाफ चला अभियान

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करनाल –  करनाल के हर लाल बत्ती चौक पर कुछ भी बेचने के नाम पर,कार का शीशा साफ करने या भीख मांगने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ने से हर आने जाने वाला परेशान है l सेक्टर 12 स्थित मिनी सचिवालय के पास लाल बत्ती चौक पर भीख मांगने वाले बच्चों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन बच्चों को रेस्क्यू किया गया है । यह कार्रवाई करनाल में सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) ने पुलिस के साथ मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया है । जैसे ही पुलिस और सीडब्ल्यूसी की टीम चौक पर पहुंची, वहां मौजूद बच्चों में अफरा-तफरी मच गई।  उस समय 13 बच्चे और बड़े भीख मांग रहे थे।  सिविल ड्रेस में तैनात पुलिसकर्मियों ने मौके से 3 बच्चों को रेस्क्यू किया और उन्हें पुलिस चौकी ले जाया गया, वहां बच्चों के अभिभावक बच्चों को वापस लेने पहुँच गए और बच्चों को छोड़ने की गुहार लगाने लगे l जबकि आज से पहले काफी समय से दिन रात चौक पर भीख मांगते ये बच्चे, पुलिस या प्रशासन किसी को नज़र नहीं आये , जबकि इससे कुछ ही कदम की दूरी पर सारा प्रशासन बैठता है और साथ ही पुलिस चौकी है l


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह बच्चे अक्सर रेड लाइट पर गाड़ियों के सामने आकर भीख मांगते हैं। मोहित कुमार नवीन कुमार और बीरेश कुमार ने बताया कि यह बच्चे रेड लाइट के दौरान गाड़ियों के सामने खड़े होकर पैसे मांगते हैं और कई बार वाहन चालक उन्हें दया के कारण पैसे भी दे देते हैं। लेकिन समस्या तब पैदा होती है जब ग्रीन लाइट हो जाती है और बच्चे गाड़ियों के सामने ही खड़े रहते हैं। जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने  बताया कि  ये बच्चे जो भीख मांगते हैं, उसके पैसे उनके परिवार वाले शराब और अन्य चीजों पर खर्च कर देते हैं। बताया जाता है कि यह बच्चे और भी रेड लाइट चौक पर भी भीख मांगते हैं। यह बच्चे जीटी रोड एसडी मॉडल स्कूल चौक निर्मल कुटिया चौक और अस्पताल चौक पर भीख मांगते हैं। इतना ही नहीं मन करने के बावजूद कई बार ये गाड़ी के ऊपर चढ़कर जबरदस्ती शीशा साफ करने लग जाते हैं फिर पैसा न देने पर गालियां  देते हैं l आने जाने वालों का कहना है कि इनमें काफी संख्या में बड़ी लड़कियां और महिलाएं भी हैं ,ऐसे में किसी भी गलत घटना होने की आशंका से पुलिस को इसे काफी पहले ही रोकना चाहिए था l उनका कहना है कि ये सामान भी चोरी कर लेते हैं l
बताया गया कि रेस्क्यू किए गए बच्चों के पास से एंड्रॉयड फोन भी बरामद हुआ। जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जब उनके पास ऐसे महंगे फोन हैं, तो उन्हें भीख मांगने की क्या मजबूरी है? बच्चों की मां ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि उनके बच्चे भीख नहीं मांगते, बल्कि चाय की दुकान पर काम करते हैं। हालांकि, सीडब्ल्यूसी और पुलिस की जांच में ये बच्चे लगातार सिग्नल पर भीख मांगते हुए देखे गए हैं। मौके पर 15 बच्चे थे, सिर्फ 3 ही काब: सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन उमेश चानना ने बताया कि उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि सेक्टर- 12 के आसपास हाईवे पर बच्चे गाड़ियों के सामने आकर भीख मांगते हैं। जब टीम मौके पर पहुंची तो करीब 15 बच्चे मौजूद थे, लेकिन उनमें से केवल तीन बच्चों को रेस्क्यू किया जा सका। बाकी बच्चे मौके से फरार हो गए। उमेश चानना ने यह भी आशंका जताई कि ये भीख मांगने वाले बच्चों का कोई संगठित गैंग हो सकता है, जो बच्चों को इस काम के लिए मजबूर करता है। उमेश चानना का कहना है कि जितने भी बच्चों को रेस्क्यू किया गया है। उनके भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा, ताकि वे पढ़ाई करें और रोजगार की ओर बढ़ सकें। उमेश चानना ने कहा कि बच्चों का भविष्य भीख मांगने में नहीं है। हम इन्हें मुख्यधारा में वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि आगे भी इस तरह का अभियान चलाया जाता रहेगा।