करनाल- हरियाणा में चुनावी दंगल की शुरुआत हो चुकी है और धीरे धीरे चुनावी सरगर्मियां तेज़ होने लगी है l हर पार्टी का उम्मीदवार अपने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मुख्य चौक , चौपालों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराकर जनता से समर्थन की गुहार लगा रहे हैं l हर पार्टी के उम्मीदवार वादा पूरी करने की कसमें खा रहे हैं भले ही वह मुमकिन हो या नमुमकिन l एक तरफ हर उम्मीदवार वोटरों को लुभाने की कोशिश में लगा है ,तो दूसरी तरफ वोटर भी अपने दिल की बात किसी से शेयर करने से पहले यह जान चुके हैं कि यह दौर कुछ ही समय के लिए है, हमें तो खुद ही अपनी समस्याओं का समाधान करना है l ऐसे में मुकाबला बराबर का लग रहा है क्योंकि कुछ लोग तो बदलाव की मांग कर रहे हैं और कुछ लोग केंद्र के साथ राज्य में भी बीजेपी की सरकार का समर्थन करते नज़र आते हैं l अब तो हर पार्टी के नेता बिना किसी विचारधारा के एक पार्टी से दूसरी पार्टी का रुख कर रहे हैं l टिकट न मिलने से नाराज ज्यादातर नेता बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस का दामन आखिरी वक्त में पकड़ रहे हैं यह तो हर पार्टी की अपनी समस्या है कि ऐसी क्या वजह है कि काफी समय से जो नेता अपनी पार्टी को अपनी माँ का दर्जा देते नहीं थकते थे और समय आते ही पार्टी को अलविदा कह कर निकल जाते हैं l
इससे हर पार्टी का जमीनी कार्यकर्त्ता इसी आस में लगा रहता है कि शायद उसे उसकी पार्टी में सम्मानजनक स्थान मिलेगा ,पर ऐसा होना मुमकिन नहीं है क्योंकि ऐसे लोग पैराशूट से आकर पुराने कार्यकर्त्ता की मेहनत पर डाका डालते हैं और हर सरकार में सरकार का हिस्सा बनकर अगले चुनाव तक मौज करते हैं l लेकिन वोटर अब ऐसे लोगों को बरसाती मेंढक की संज्ञा दे रहे हैं l
जैसे जैसे चुनाव नज़दीक आ रहा है पार्टियां अपने घोषणा पत्र जारी कर फ्री की रेवड़ियां बाटने लगी हैं l लोगों का कहना है कि अपनी चुनावी सभाओं में कोई भी कानून व्यवस्था सही करने की बात नहीं कर रहा है बस लोक लुभावने वादे करने शुरू कर दिए ,इसके साथ ही जुबानी जंग भी तेज़ हो गई है ,क्या अच्छा रहेगा या बुरा ये तो जनता को ही मतदान देकर तय करना है l